अतीक के भाई अशरफ की अवैध बैठकें कराने के आरोप में जेलर समेत 5 निलंबित

अतीक अहमद

बरेली। प्रयागराज के उमेश पाल हत्या की पूरी प्लानिंग बरेली सेंट्रल जेल में हुई। इस मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जेल में बंद अशरफ से मुलाकात कराने में बरेली सेंट्रल जेल के जेलर राजीव मिश्रा और डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप को निलंबित किया गया है। इसके अलावा तीन जेल वार्डन को भी निलंबित कर किया है। वहीं, जेल अधीक्षक आरके शुक्ला को नोटिस देते हुए जवाब मांगा है। जल्द ही उन पर भी कार्रवाई हो सकती है।

बरेली जेल में बंद अशरफ, इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड है। इसका खुलासा जेल की CCTV फुटेज और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में हुआ है। उमेश पाल जिस राजू पाल हत्याकांड में गवाह थे, इसी हत्याकांड में अतीक अहमद और उसका भाई अशरफ भी मुख्य आरोपी हैं। उमेश हत्याकांड से ठीक 13 दिन पहले अशरफ से 9 शूटर मिलने आए। 11 फरवरी को अतीक का बेटे असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्‌डू मुस्लिम और गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी ID से अशरफ से मुलाकात की।

इसके बाद 24 फरवरी को इन्हीं लोगों ने ताबड़तोड़ गोली और बम मारकर दिनदहाड़े उमेश पाल को मौत के घाट उतार दिया। इस मामले में बरेली जेल के सिपाही शिवहरि ने कई राज खोले हैं। जिसके बाद अब सिपाही मनोज कुमार को अरेस्ट किया गया है।

अभी तक 2 सिपाही समेत 5 अरेस्ट
बरेली जेल में बंद अतीक के भाई अशरफ से जेल में मुलाकात करने वालों की लंबी लिस्ट है। अभी तक पुलिस, बरेली जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी समेत 4 को जेल भेज चुकी है। वहीं पांचवा आरोपी मनोज कुमार है, जो इस समय पीलीभीत जेल का सिपाही है। यह भी पूर्व में बरेली जेल में अवैध तरह से पैसे लेकर अतीक के गुर्गों को अशरफ से मिलवाता था।

जेल के सिपाही शिवहरि अवस्थी, कैंटीन में फल और सब्जी पहुंचाने वाला दयाराम उर्फ नन्हे, राशिद और फुरकान अरेस्ट किए जा चुके हैं। राशिद और फुरकान दोनों ही बिना पर्ची और आईडी के जेल में अतीक अहमद के भाई अशरफ से मिलते थे।

पूछताछ में पता चला कि जेल के गेट से लेकर अंदर तक कोई रोकता नहीं था। बरेली जेल से ही वॉट्सऐप कॉल की गई, जिसके बाद 24 फरवरी को शूटरों ने प्रयागराज में उमेशपाल की हत्या कर दी।

इन कर्मचारियों को किया गया निलंबित
निलंबित किए गए लोगों में जेलर राजीव कुमार मिश्रा, डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप सिंह, हेड जेल वार्डर बृजवीर सिंह और जेल वार्डर मनोज गौर, दानिश मेहंदी और दलपत सिंह शामिल हैं। गौर को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था। यह निलंबन डीआईजी (जेल) आरएन पांडेय द्वारा डीजी (जेल) आनंद कुमार को भेजी गई रिपोर्ट के आधार पर किया गया है। जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जेल अधीक्षक की खराब निगरानी के लिए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश वाली रिपोर्ट भी डीजी जेल को भेजी गई है।

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