गाजियाबाद। गाजियाबाद से मेरठ तक होने वाली संतों की पदयात्रा को रोक दिया गया है। यात्रा हिंदू समाज को जागरूक करने के लिए गुरुवार से शुरू होने वाली थी लेकिन यात्रा के शुरू होने से पहले ही यति नरसिंहानंद गिरी को तीन दिन के लिए नजरबंद कर दिया गया है।
26 सितंबर को मेरठ के परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के गांव खजूरी में 20 वर्षीय दीपक त्यागी संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था। जिसके बाद युवक की हत्या का मामला सामने आया। युवक का सिर काटकर खेत में दबा दिया गया था। जिसे पुलिस ने 6 दिन बाद बरामद किया। इस पूरे हत्याकांड में दूसरे समुदाय के युवकों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें से एक आरोपी युवक की बेटी से मृतक के संबंध थे।
इस घटना के विरोध में और हिंदू समाज को जागरूक करने के लिए शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज अपने 20 शिष्यों के साथ शिवशक्ति धाम डासना से मेरठ के गांव खजूरी तक पदयात्रा करने वाले थे। पदयात्रा में महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी सम्पूर्ण हिन्दू समाज को अपनी रक्षा स्वयं करने के लिए जागरूक करने वाले थे।
उन्होंने कहा कि आज भारत के हर हिंदू का परिवार और अस्तित्व खतरे में पड़ चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि संतों की पदयात्रा एक इतिहास रचेगी और हिन्दू के आत्मविश्वास को जागृत करेगी। उन्होंने सभी हिंदूओं से उनका साथ देने का आह्वान किया। लेकिन यात्रा के शुरू होने से पहले ही गाजियाबाद के पुलिस अधीक्षक देहात ईरज राजा और एसडीएम विनय कुमार सिंह डासना स्थित शिव शक्ति धाम पर पहुंच गए।
यहां उन्होंने जिले में धारा–144 लागू होने और यात्रा की परमिशन नहीं होने का हवाला दिया। इसे लेकर दोनों अफसरों की काफी देर तक अखाड़ा के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी से बातचीत हुई। जिसके बाद यति नरसिंहानंद गिरी को तीन दिन के लिए नजरबंद कर दिया गया है।