वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान की बढ़ी मुश्किलें, एसीबी ने एलजी को लिखा पत्र

अरविन्द केजरीवाल के साथ अमानतुल्लाह

दिल्ली। ओखला विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी विधायक और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने विधायक को वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए एलजी सचिवालय को पत्र लिखा है।

पत्र में एसीबी ने बताया है कि अमानतुल्लाह आपराधिक स्वभाव के हैं। गवाह उनके खिलाफ आने की हिम्मत नहीं जुटा पाते हैं। एसीबी ने कहा है कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के खिलाफ दर्ज मामलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए उनको जांच होने तक पद से हटाया जाना जरूरी है। अमानतुल्लाह के खिलाफ 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें एक मामले की जांच सीबीआई कर रही है जबकि अन्य मामलों की जांच अलग-अलग थानों की लोकल पुलिस और एसीबी के पास है।

अपने पत्र में एसीबी ने लिखा कि वर्तमान मामलों में अमानतुल्लाह ने कथित तौर पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के तत्कालीन सीईओ एमए आबिद और शमीम अख्तर तमन्ना के साथ भी बदसलूकी की है। मामले में जिन गवाहों से बातचीत की गई वह बुरी तरह डरे हुए पाए गए हैं। इनमें एक गवाह ने यह भी आरोप लगाया है कि खान ने उनके घर से केस से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज भी अपने कब्जे में लेकर हटा दिए हैं।

पत्र में आईओ के हवाले से लिखा गया है कि मार्च 2019 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में नियुक्ति के दौरान खान ने अपने करीबी रिश्तेदारों को नौकरी पर रखा। इस मामले में निर्धारित प्रक्रियाओं को भी नजरअंदाज किया गया।

एसीबी अमानतुल्लाह के खिलाफ वक्फ बोर्ड के खातों में वित्तीय गड़बड़ियों, बोर्ड की संपत्तियों पर नए किराएदार रखने, नए वाहनों की खरीद में घोटाले और वक्फ बोर्ड में 33 भर्तियों में अपने करीबियों की नियुक्तियों की जांच कर रही है। इन मामलों की जांच कर रहे आईओ की रिपोर्ट को आधार बनाकर एलजी को पत्र लिखा गया है। रिपोर्ट में कहा गया था कि अमानतुल्लाह बेहद आक्रामक और अनियंत्रित स्वभाव के हैं। लोग उनके इस रवैये से डरते हैं। जब तक खान अपने पद पर बने रहते हैं तो तब तक इन मामलों में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती।

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