हाजी इकबाल की 21 करोड़ की संपत्ति जब्त, बसपा से रहा है नाता

सहारनपुर। बसपा के पूर्व एमएलसी एवं खनन कारोबारी हाजी इकबाल पर कानून का शिकंजा कसता जा रहा है। रविवार को यूपी पुलिस ने उनके खास करीबी और नौकर नसीम के नाम पर बनाई गई 21 करोड़ की सपंत्ति को अटैच कर लिया है। पूर्व एमएलसी हाजी इकबाल ने अपने नौकर नसीम के नाम 50 बेनामी संपत्ति की है। जिनकी कीमत 21 करोड़ रुपये से अधिक की है। हाजी इकबाल साल 2010-2016 के दौरान बहुजन समाज पार्टी का एमएलसी रह चुका है।

सहारनपुर के एसएसपी आकाश तोमर के अनुसार हाजी इकबाल कई सारे अवैध कामों में लिप्त था और अपने गिरोह का लीडर था। वह लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन, लोगों को धमकाने और धोखाधड़ी से सरकारी और गैर-सरकारी भूमि खरीदने के अवैध धंधों में लिप्त था। और इन कामों के लिए अपने सहयोगियों, परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों और यहां तक ​​​​कि नौकरों के नाम पर जमीनों की रजिस्ट्री करा लेता था। उसने इन अवैध धंधे से बड़े पैमाने पर सहारनपुर के बेहट में प्रॉपर्टी खरीद ली थी।

इसके अलावा चीनी मिल में भी अवैध तरीके से अपने नौकर नसीम को डायरेक्टर बना दिया था। इस मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने कई बड़े खुलासे किए थे। जिसके आधार पर पुलिस ने पिछले हफ्ते ही इकबाल के खेत में काम करने वाले नौकर नसीम को गिरफ्तार कर लिया था। नसीम के नाम नाम पर 600 बीघे जमीन हाजी इकबाल ने कर रखी थी।

खनन माफिया हाजी इकबाल ने अपने करीबी नौकर नसीम पुत्र अब्दुल गफ्फार उर्फ गफूर निवासी मिर्जापुर को अपनी करोड़ों की बेनामी संपत्ति का मालिक बना रखा है। वह तीन शुगर मिलों का मालिक है। हाजी इकबाल ने नसीम को लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर की चीनी मिलों का डायरेक्टर बनाया है।

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