दिल्ली मेट्रो में अब भीड़ से नहीं होगा सामना, पहले ही पता चल जाएगा अंदर कितनी जगह है खाली

नई दिल्ली। कोविड से जुड़ी पाबंदियों को देखते हुए दिल्ली मेट्रो में नया प्रयोग किया जा रहा है। डीएमआरसी एक ऐसे सिस्टम का ट्रायल कर रही है, जिससे स्टेशन पर मेट्रो के पहुंचने से पहले ही पता चल जाएगा कि उसके किस कोच में कितनी जगह खाली है। इससे यात्री तय कर सकेंगे कि किस कोच में वे आराम से यात्रा कर सकेंगे। यात्रियों को यह जानकारी प्लेटफॉर्म के दोनों छोर पर लगी डिस्प्ले स्क्रीन पर देखने को मिलेगी।

अधिकारियों के मुताबिक, कोविड गाइडलाइंस के पालन को सुनिश्चित करने के लिए इन दिनों दिल्ली मेट्रो में यात्रियों की संख्या को नियंत्रित करने की जिस नई चुनौती का सामना डीएमआरसी को करना पड़ रहा है, उसी को देखते हुए इस नए सिस्टम को शुरू करने का विचार आया, ताकि एक ही कोच में ज्यादा भीड़ इकट्ठी ना हो। आमतौर यात्री प्लेटफॉर्म पर जिस जगह खड़े होते हैं, वहां आकर जब ट्रेन रुकती है, तो जो कोच उनके सामने आता है, वे उसी में चढ़ जाते हैं। ऐसे में कई बार यह देखने में आता है कि बीच के कोच में तो ज्यादा यात्री चढ़ जाते हैं और अगले या पिछले हिस्से की तरफ लगे कोच में काफी जगह खाली रहती है। अगर यात्रियों को पहले ही यह पता चल जाए कि किस कोच में ज्यादा जगह खाली है, तो वे उसी में सवार होंगे। इससे ट्रेन के अंदर यात्रियों को अलग-अलग कोच में सेगरिगेट करने में भी मदद मिलेगी। उसी को ध्यान में रखते हुए यह नया प्रयोग किया जा रहा है।

अधिकारियों ने साफ किया है कि यह नया सिस्टम शुरुआती स्टेज में है और अभी केवल प्रयोग के तौर पर इसकी प्रारंभिक टेस्टिंग और ट्रायल का काम हो रहा है। डिस्प्ले पैनल पर अभी कोच में यात्रियों की संख्या के बारे में जो डेटा दिखाया जा रहा है, वह संकेत मात्र है। इंजीनियरों की टीम अभी उसकी एक्यूरेसी का आकलन किया जा रहा है। पूरे मेट्रो नेटवर्क में यह सिस्टम कब तक लागू होगा, इसकी कोई निश्चित समय सीमा बता पाना अभी संभव नहीं है, क्योंकि सभी तरह के टेस्ट और ट्रायल के बाद उनके नतीजों के विश्लेषण के आधार पर इस बारे में आगे फैसला किया जाएगा। मकसद भी यही देखना है कि यह सिस्टम यात्रियों के लिए कितना फायदेमंद साबित होगा और यात्री इसका लाभ उठा भी पा रहे हैं या नहीं।

डिस्प्ले पैनल पर दिखेगी ऑक्यूपेंसी
अधिकारियों ने बताया कि अभी जिस सिस्टम का ट्रायल किया जा रहा है, उसमें जब ट्रेन के किसी स्टेशन पर पहुंचने में 2 मिनट का वक्त बाकी रहेगा, उस वक्त प्लेटफॉर्म पर लगे डिस्प्ले बोर्ड पर 10-10 सेकंड के अंतराल पर यह नजर आएगा कि ट्रेन का कौन सा कोच कितना भरा हुआ है। कोच की यात्री क्षमता या उसमें मौजूद यात्रियों की अनुमानित संख्या प्रतिशत के रूप में नजर आएगी। मसलन, अगर किसी ट्रेन के तीसरे कोच में क्षमता से 60 फीसदी यात्री सवार हैं, तो कोच की संख्या C-3 के रूप में और उसकी ऑक्यूपेंसी 60% के रूप में डिस्प्ले पैनल पर नजर आएगी।

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