किस्सा खाकी का: जानिए कौन हैं दिल्ली पुलिस के सिपाही थान सिंह, जिनकी पाठशाला में बढ़ते हैं बच्चे

दिल्ली। डिजिटल की ओर बढ़ती हुई दिल्ली पुलिस ने पॉडकास्ट की दुनिया में एंट्री कर ली है। ‘किस्सा खाकी का’ नाम से दिल्ली पुलिस रविवार को अपना पहला पॉडकास्ट लॉन्च किया। पॉडकास्ट सीरिज में पत्रकार वर्तिका नंदा की तरफ से खाकी के किस्से सुनाए जाएंगे। दिल्ली पुलिस के पॉडकास्ट ‘किस्सा खाकी का’ की पहली कड़ी में झुग्गी-बस्ती में रहने वाले बच्चों के लिए ‘थान सिंह की पाठशाला’ नाम से अपना स्कूल शुरू करने वाले एक कांस्टेबल की कहानी को प्रसारित किया गया।

थान सिंह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर सेवारत हैं। पुलिस में ड्यूटी के अलावा वे गरीब बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहे हैं। वह खुद एक गरीब परिवार से ​थे। उनके माता-पिता भी झुग्‍गी में रहते थे और लोगों के कपड़ों में इस्त्री कर परिवार का गुजारा होता था। थान सिंह भी अपने माता-पिता के साथ मिलकर कपड़े इस्‍त्री करते थे लेकिन उनका लक्ष्य पढ़​ लिख कर एक सम्मान की नौकरी हासिल करना था, जो कि उन्होंने किया भी। उनका सपना था कि वे बड़े होकर अच्छी नौकरी हासिल करें और गरीब बच्चों को पढ़ाएं।

दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल बनने के बाद उनका सपना सच हो गया। उन्होंने 2016 में चार बच्चों के साथ अपना स्कूल शुरू किया और अब उनके स्कूल में 60 बच्चे पढ़ते हैं। सिंह उन्हें कलम, कॉपी और किताबें भी देते हैं। वे उनकी अन्य जरूरतों को भी पूरा करने की भरसक कोशिश करते हैं।

लाल किले के पास एक छोटा सा साईं बाबा का मंदिर है, वहीं चलती है थान सिंह की पाठशाला। पॉडकास्‍ट कार्यक्रम में वर्तिका नंदा ने उनकी कहानी बयां करते हुए ड्यूटी के घंटों के बाद की उनकी दिनचर्या के बारे में बताया। वर्तिका ने बताया, ‘‘शाम पांच बजे का समय था। थान सिंह लाल किला चौकी पर थे, उनकी ड्यूटी के घंटे समाप्त होने वाले थे, लेकिन घर जाने के बजाय वह पहले पाठशाला जाएंगे, जहां कई बच्चे उनके आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।’’ कोरोना लॉकडाउन के दौरान कई बच्चे गांव चले गए लेकिन सिंह ने उन बच्चों के साथ ही अपनी पाठशाला जारी रखी, जो दिल्ली में रह रहे थे। सिंह यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश करते हैं कि बच्चे अपराध की दुनिया से दूर रहें।

दिल्ली पुलिस ने बताया कि पहली कड़ी में थान सिंह को चुना गया, ताकि यह दिखाया जा सके कि उन्होंने मुश्किल समय का भी किस प्रकार बहादुरी से सामना किया और इसके बावजूद वह समाज की सेवा कर रहे हैं। पुलिस उपायुक्त (विशेष शाखा) सुमन नलवा ने कहा, ‘‘सोशल मीडिया के जरिए हम लोगों तक पहुंचना चाहते हैं, उनकी बात सुनना चाहते हैं और यह समझना चाहते हैं कि हमारे एवं नागरिकों के बीच आपसी भरोसा कायम करने के लिए और क्या किया जा सकता है।’’

दिल्ली पुलिस की तरफ से जारी की गई जानकारी में बताया गया है कि यह पॉडकास्ट ऐसे मौके पर लॉन्च हो रहा है जब ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। ‘किस्सा खाकी का’ में लगातार दिलचस्प सीरिज अपलोड होंगीं। ‘किस्सा खाकी का’ में अलग-अलग कंटेंट के आधार पर दिल्ली पुलिस के कॉन्स्टेबिल से लेकर टॉप अफसरों की उन वीरता, असाधारण सेवा और मानवीय सेवा के बारे में रोचक तरीके से किस्सों के जरिए सामने रखा जाएगा। पॉडकास्ट दिल्ली पुलिस और पब्लिक के बीच एक सेतु का काम करेगा।

Exit mobile version