गाजियाबाद। राजधानी दिल्ली समेत एनसीआर क्षेत्र के कई शहर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। इसी कड़ी में उत्तर भारत में गाजियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है और इसका पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर दिल्ली से भी खराब स्थिति में है। उत्तर भारत के 56 शहरों में 137 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन (सीएएक्यूएमएस) के आंकड़ों से यह जानकारी सामने आयी है।
एक जनवरी 2019 से 30 नवंबर 2021 तक इन सीएएक्यूएमएस से प्राप्त पीएम 2.5 के आंकड़ों का विश्लेषण करने वाले सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) ने कहा कि शुरुआती सर्दियों में धुंध के चलते स्वच्छ छोटे शहरों में पीएम 2.5 का स्तर दिल्ली में दर्ज संकेंद्रण से अधिक हो सकता है। इसके मुताबिक, प्रदूषित के उच्च स्तर वाले सप्ताह के दौरान गाजियाबाद में औसत पीएम 2.5 स्तर 360 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया जबकि वार्षिक औसत स्तर 110 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा जो कि उत्तर भारत में सबसे अधिक था।
वहीं, दिल्ली का वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर 97 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और साप्ताहिक स्तर 270 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर रहा। इसी तरह मुरादाबाद, नोएडा, फरीदाबाद और गुरुग्राम का वार्षिक औसत पीएम 2.5 स्तर क्रमशः 96, 92, 89 और 88 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया।
देश भर के टॉप-10 प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली जहां दूसरे नंबर पर है वहीं बनारस का स्थान तीसरा है। आईक्यूएयर के अनुसार पहले नंबर पर नानपारा है जिसका एक्यूआई 414 दर्ज किया गया जबकि दिल्ली का एक्यूआई 376 और बनारस का एक्यूआई 339 रहा।
आईक्यूएयर की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार गुरुवार बनारस 339 एक्यूआई के साथ देश का तीसरा सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा जबकि जौनपुर 333 एक्यूआई के साथ चौथे नंबर पर था। वाराणसी शहर के इलाकों में साकेत नगर 425 एक्यूआई के साथ सबसे अधिक प्रदूषित, इसके बाद लंका का एक्यूआई 361, बलभद्र कॉलोनी का 339, रामनगर का 312, नाटी इमली रोड का एक्यूआई 296 दर्ज किया गया।