मुंबई, एएनआइ। बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court ) आज (वीरवार) गुलशन कुमार हत्याकांड (Gulshan Kumar Murder Case) में अपना फैसला सुनाएगा। बता दें कि टी-सीरीज (T-Series) के मालिक गुलशन कुमार की 12 अगस्‍त 997 को मुंबई के जुहू इलाके में एक मंदिर के बाहर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी थी।

कैसे बनी गुलशन कुमार की पहचान

80-90 के दशक में घर घर में बजने वाले धार्मिक गानों का गायक चाहे कोई भी हो लेकिन उनकी पहचान बनी टी-सीरिज कंपनी के निर्माता गुलशन कुमार के नाम से हुआ करती थी। पंजाबी परिवार में जन्‍में गुलशन कुमार के पिता दिल्‍ली के दरियागंज बाजार में एक फ्रूट जूस बेचा करते थे। गुलशन कुमार जब 23 साल के थे तब उन्‍होंने अपने परिवार की मदद से एक दुकान ली और वहां से सस्ते ऑडियो कैसेट बेचने का काम शुरू कर दिया।

सपनों ने भरी उड़ान किया पहुंचे मुंबई

अपने कारोबार को और आगे बढ़ाने के लिए गुलशन कुमार मुंबई पहुंच गए और सस्‍ते व अच्‍छे कैसेट लोगों तक पहुंचाने लगे। बॉलीवुड पहुंचने के बाद उन्‍होंने अपनी कंपनी का नाम बदलकर ‘टी-सीरीज’ रख लिया। इसके बाद उनको दिनोंदिन तरक्‍की मिलती गई और इस कंपनी के बैनर तले कई सारे भक्ति गीत, भजन, रिमिक्स गानों का जबरदस्त संगम हुआ।

क्‍या थी हत्‍या की वजह

एस हुसैन जैदी की किताब My Name is Abu Salem में बताया गया है कि अबु सलेम ने टी सीरीज के मालिक गुलशन कुमार से 10 करोड़ रुपए की मांग की थी। गुलशन कुमार ने ये रकम देने से इंकार कर दिया था। जिसके बाद 12 अगस्त 1997 को मुंबई के जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार पर ताबड़तोड़ 16 गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गुलशन कुमार ने ये रकम मना करते हुए कहा था कि इतने रुपये देकर वो मां वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे। इस बात पर नाराज हो सलेम ने शूटर राजा के जरिए गुलशन कुमार की दिन-दहाड़े हत्‍या करवा दी थी। ऐसा पता चला है कि गुलशन कुमार को मारने के बाद शूटर राजा ने अपना फोन 10 से 15 मिनट तक ऑन रखा था जिससे अबु सलेम गुलशन कुमार की चीखें सुन सके। साभार-दैनिक जागरण

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