गाजियाबाद,विकास की नींव में दबे उद्योगों के 2838 आवेदन

प्रतीकात्मक फोटो

गाजियाबाद। जिले की पहचान औद्योगिक तौर पर देश और दुनिया में हैं। खासकर यांत्रिकी उत्पादों के मामले में गाजियाबाद किसी परिचय का मोहताज नहीं है। 27 हजार से अधिक उद्योग यहां संचालित हैं लेकिन विकास के पथ पर दौड़ते उद्योगों में नए उद्योग सरकारी उदासीनता से शुरू नहीं हो पा रहे हैं। उद्योगों से संबंधित विभागों में 2838 आवेदन लंबित हैं, जिनका समाधान सात महीने में भी नहीं हो सका है। ये सभी आवेदन जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से अलग-अलग विभागों को भेजे गए हैं।

मई माह से नवंबर माह के बीच जिला उद्योग केंद्र को विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों से 8594 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से विभाग ने 5756 शिकायतों को अलग-अलग विभागों में भेज दिया। विभागों ने 4270 आवेदनों को स्वीकृत किया, जबकि इनमें से भी करीब 439 रिजेक्ट कर दिए गए। 264 मामलों में विभागों ने अपनी क्वेरी भी भेजी जबकि 2838 ऐसे आवेदन हैं जो इन विभागों में लंबित हैं और इन पर संज्ञान ही नहीं लिया गया।

ऐसे में उद्योग किस कदर समस्याओं के मकड़जाल में फंसे हुए हैं, इसका अंदाजा साफ लगाया जा सकता है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि समय-समय पर संबंधित विभागों से इस बारे में फीडबैक लिया जाता है। नए उद्योगों के संबंधी आवेदन विभागों को समय से भेजे जाते हैं और इनमें कनेक्शन, एनओसी, पंजीकरण सहित अन्य प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए निवेदन किया जाता है।

समस्याओं पर भी नहीं होती सुनवाई
नए उद्योगों के आवेदन के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में विकास कार्यों को लेकर भी सरकारी विभागों का ढीला रवैया सामने आता रहता है। हर माह जिलाधिकारी कार्यालय में होने वाली उद्योग बंधु की बैठक से भी उद्यमियों को खास लाभ नहीं मिल पा रहा है। सभी औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधि हर बार समस्याओं के पिटारे के साथ बैठक में पहुंचते हैं और निस्तारण का आश्वासन लेकर वापस लौट जाते हैं। इन समस्याओं को देखते हुए गाजियाबाद इंडस्ट्रीज फेडरेशन, कविनगर औद्योगिक क्षेत्र एसोसिएशन सिंगल विंडो पर समस्याओं के निस्तारण की मांग कर चुकी है।

इन विभागों में सबसे अधिक आवेदन लंबित
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक उद्योग संबंधी आवेदन लंबित होने में श्रम विभाग सबसे आगे है। विभाग में नवंबर के आखिर तक 889 मामले लंबित हैं जबकि दूसरे स्थान पर विद्युत संबंधी आवेदन हैं, विद्युत निगम में 616 आवेदनों पर अभी तक निर्णय नहीं लिया गया और न ही इनका निस्तारण कराया गया। प्रदूषण नियंत्रण विभाग में उद्योगों की 514, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में 240, उत्तर प्रदेश राज्य विकास प्राधिकरण में 199 मामले लंबित हैं। इसके अलावा करीब 20 विभागों में इन सात माह में महज 333 आवेदनों को पर काम किया गया।

क्या कहते हैं अधिकारी
उद्योगों संबंधी आवेदनों को समय पर पूरा न करने के लिए जिलाधिकारी भी संबंधित विभागों को सख्त चेतावनी दे चुके हैं। सात माह से बड़ी संख्या में अलग-अलग विभागों में आवेदन लंबित हैं। अगर इनका निस्तारण समय पर नहीं होता है तो जिलाधिकारी के माध्यम से विभागों के शीर्ष अधिकारियों सूचित किया जाएगा। -बीरेंद्र कुमार, उपायुक्त, जिला उद्योग केंद्र-साभार-अमर उजाला

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

 

Exit mobile version