सरकारी कार्यालयों में सार्वजनिक होंगे पर्यावरण शत्रुओं के नाम : डीएम अजय शंकर पांडेय

गाज़ियाबाद। प्रदूषण फैलाने वाले लोगों को आइना दिखाने के लिए डीएम ने यह पहल शुरू की है। इसके तहत पर्यावरण शत्रुओं की सूची बनाई जाएगी। सूची में शामिल लोगों के नाम जिले के सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर लिखे जाएंगे।

बता दें कि खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की समस्या प्रशासन के गले की हड्डी बनी हुई है। तमाम प्रयासों और कार्रवाई के बावजूद प्रदूषण फैलाने वाले लोग आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसे लोगों को सबक सिखाने के लिए ही डीएम अजय शंकर पांडेय ने नई पहल शुरू की है। इसके तहत प्रदूषण फैलाने वाले लोगों को सूची बनेगी, जिन्हें सरकारी कार्यालयों की दीवारों पर लिखवाकर सार्वजनिक किया जाएगा। डीएम का कहना है कि जिले की वायु गुणवत्ता अत्यधिक खराब श्रेणी में है। इसके सुधार के लिए विस्तृत एवं समेकित योजना बनाई गई है। योजना के तहत जिले के चप्पे-चप्पे पर पर्यावरण केदुश्मनों पर सख्त नजर रखकर उन्हें चिह्नित किया जाएगा।

ग्राम पंचायत कार्यालय तक में लिखे जाएंगे नाम
शुरूआती दौर में पर्यावरण शत्रुओं के नाम जिला मुख्यालय पर सार्वजनिक किए जाएंगे। इसके बाद अन्य कार्यालयों में भी इसका अनुसरण किया जाएगा। नगर निगम, विकास भवन, नगर पालिका, नगर पंचायत, तहसील मुख्यालय, ब्लॉक मुख्यालय व ग्राम पंचायत कार्यालय पर भी पर्यावरण शत्रुओं के नाम सार्वजनिक किए जाएंगे।

सूची में कार्रवाई का भी होगा जिक्र
पर्यावरण शत्रुओं की सूची में प्रदूषण फैलाने वालों के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी। इसमें पर्यावरण शत्रुओं केनाम, उनका पता लिखा जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई या जुर्माना वसूला गया, इसका ब्यौरा भी लिखा मिलेगा। नई पहल के संबंध में जिले के अधिकारियों को भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

वेबसाइट व वॉट्सएप पर प्रतिदिन दर्ज होंगे नाम
डीएम ने बताया कि उक्त नई पहल को धरातल पर लाने के लिए शहर में एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा ग्रामीण क्षेत्र में एडीएम प्रशासन को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। प्रदूषण फैलाने वाले लोगों की सूची को जिले की वेबसाइट व वॉट्सएप ग्रुप पर भी प्रदर्शित किया जाएगा। उक्त कार्रवाई प्रतिदिन होगी। जिसमें लिखा जाएगा कि आज के पर्यावरण शत्रु कौन-कौन हैं।

डीएम ने जिला पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी व एसडीएम को दिशा निर्देश जारी किए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में ग्राम प्रधानों के साथ बैठक करें। उन्हें पराली जलाने पर होने वाली कार्रवाई के बारे में अवगत कराया जाए, ताकि वे ग्रामीणों को जागरूक कर सकें। डीएम का कहना है कि बर्निंग जिसकी जमीन में भी होगी, उसे दोषी मानते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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