गाजियाबाद : इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों पर घूसखोरी का केस

गाजियाबाद। जिले में चार पुलिसकर्मियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इन सभी पुलिसकर्मियों ने साल 2022 में एक दहेज उत्पीड़न के मामले में समझौता करने के नाम पर एक व्यक्ति से दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तत्कालीन थाना प्रभारी, तत्कालीन विवेचक, तत्कालीन पुनः विवेचक और हेड कांस्टेबल की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में पहले भी दो बार जांच हो चुकी है। तब भी भ्रष्टाचार के आरोपी पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट मिल गई थी।

मुजफ्फरनगर जिले की इंदिरा कॉलोनी के रहने वाले व्यापारी रघुपाल सिंह ने पुलिस को दिए शिकायती पत्र में बताया था कि उनके बेटे की शादी 2022 में मुरादनगर की एक युवती से तय हुई थी। शादी तय होने के कुछ दिन बाद किन्ही कारणों के चलते बात नहीं बनी और शादी टूट गई। इसके बाद युवती के घर वालों ने रघुपाल सिंह और उनके बेटे पर दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज करवाया था। इसके बाद मुरादनगर थाने में तैनात दरोगा लाल सिंह ने उन्हें थाने बुलाकर पूछताछ की। इसके कुछ दिन बाद हेड कांस्टेबल विकास कुमार ने फोन करके रघुपाल को दोबारा थाने बुलाया और दहेज उत्पीड़न का मामला निपटने के नाम पर दो लाख की रिश्वत मांगी। तब रघुपाल ने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की शिकायत की। जिसके मामले की मामले की जांच दरोगा लाल सिंह से हटकर भुवनेश कुमार को दे दी गई। इसके बाद भी हेड कांस्टेबल विकास कुमार ने रिश्वत की मांग की। पीड़ित रघुपाल ने थाना अध्यक्ष सतीश कुमार से भी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। तब उन्होंने दरोगा लाल सिंह,दरोगा सतीश कुमार,हेड कांस्टेबल विकास कुमार और थाना अध्यक्ष सतीश कुमार के खिलाफ रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए तहरीर मुकदमा दर्ज करवाया।

हर पहलू पर कर रहे जांच 
एसीपी नरेश कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की जा रही है जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा। उसके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी। फिहलाल मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।

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