देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसको लेकर तमाम दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गए हैं।चुनाव से ठीक पहले सोशल मीडिया पर एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि अगर लोकसभा चुनाव में वोट नहीं डाला तो बैंक अकाउंट से 350 रुपये कट जाएंगे। इस पर केंद्र सरकार की फैक्ट चेकिंग यूनिट पीआईबी फैक्ट चेक ने बताया है कि यह खबर फर्जी है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक न्यूज पेपर की कटिंग वायरल हो रही है जिसमें कहा गया है कि ‘इस बार लोकसभा चुनाव में वोट न देना लोगों को महंगा पड़ सकता है। वोट न देने की स्थिति में उन पर 350 रूपये का जुर्माना लग सकता है। वोट न डालने वालों की पहचान आधारकार्ड से होगी और उस कार्ड से लिंक उनके बैंक अकाउंट से 350 रुपए कट जाएंगे।’ न्यूज पेपर की वायरल हो रही इस कटिंग में यह भी कहा गया है कि ‘चुनाव आयोग ने यह आदेश वोट करने से बचने वाले लोगों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से जारी किया है। साथ ही कोई वोटर आयोग के इस आदेश के लिए कोर्ट न जाए, इसको ध्यान में रखते हुए आयोग ने पहले ही कोर्ट से मंजूरी ले ली है। इसके खिलाफ अब याचिका भी दायर नहीं हो सकती।’
अकाउंट से नहीं तो मोबाइल रिचार्ज से कटेगा पैसा
कटिंग में कहा गया है कि जिन लोगों के अकाउंट नहीं होंगे या जिन के अकाउंट में पैसे नहीं होंगे, उनसे मोबाइल रिचार्ज कराते वक्त पैसा काट लिया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसे लोगों का मोबाइल रिचार्ज भी 350 या उससे ज्यादा पैसों से ही होगा।
पड़ताल
वायरल दावे की सच्चाई लोगों तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार की एजेंसी प्रेस ब्यूरो ऑफ इंफॉर्मेशन यानी पीआईबी ने इसका फैक्ट चेक किया है। अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से एजेंसी ने ट्वीट कर इस खबर को फर्जी बताया है। एजेंसी ने कहा है कि ‘भारत निर्वाचन आयोग द्वारा ऐसा कोई फैसला नहीं किया है। जिम्मेदार नागरिक बनें, मतदान जरूर करें।’
क्या लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं किए जाने पर बैंक अकाउंट से कटेंगे 350 रुपए❓
जानें वायरल ख़बर की सच्चाई❕#PIBFactCheck:
🔶 यह ख़बर #फ़र्ज़ी है।
🔶 @ECISVEEP ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
🔶 जिम्मेदार नागरिक बनें, मतदान अवश्य करें!!
🔗 https://t.co/8EwXdkIPlF pic.twitter.com/ikFLUndfCh
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 15, 2023
दरअसल, यह अखबार की कटिंग चार साल पहले की है। एक अखबार ने होली के मौके पर मजाकिया अंदाज में छपने वाली खबरों के हिसाब से ही इसे प्रकाशित किया था। बाद में इसकी सफाई भी दी गई थी कि खबर के आखिर में बुरा न मानो होली है और इस पेज की सभी खबरें काल्पनिक हैं। लेकिन इन दोनों लाइनों को काटकर सोशल मीडिया पर वायरल किया जाने लगा।