‘आदिपुरुष’ में विवादित डायलॉग पर मनोज शुक्ला ने तोड़ी चुप्पी, बोले- मैंने जानबूझकर ये लिखा है

मुंबई। ‘आदिपुरुष’ बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होते ही फिर से विवादों में घिर गई है। ऑडियंस फिल्म के हर एंगल- एक्टिंग, वीएफक्स, डायरेक्शन और डॉयलॉग्स की आलोचना कर रही है।ऑडियंस के निशाने पर सबसे ज्यादा फिल्म के डायरेक्टर ओम राउत और इसके डायलॉग्स लिखने वाले मनोज मुंतशिर है। मनोज ने फिल्म में कई ऐसे डायलॉग्स लिखे हैं, जिसकी वजह से ऑडियंस उनसे माफी मांगने के लिए बोल रही है। ऑडियंस से मिल रही आलोचना पर मनोज ने प्रतिक्रिया दी है।

मनोज मुंतशिर ने आज तक से बात करते हुए कहा, ‘जनता के कटघरे में खड़े होना बड़े सम्मान की बात है।’ उन्होंने कहा कि रामायण पर बेस्ड फिल्म के लिए ये डायलॉग गलती से इस तरह नहीं लिखे गए, इन्हें जानबूझकर ऐसा रखा गया है उन्होंने कहा कि सिर्फ हनुमान जी के डायलॉग पर बात क्यों हो रही है। लोगों को भगवान श्रीराम के संवादों पर भी बात करनी चाहिए। मनोज ने अपना पक्ष रखते हुए कहा, ‘हमने रामायण नहीं बनाई है, हम रामायण से प्रेरित हैं।’ उन्होंने राम चरितमानस लिखने वाले कवि तुलसीदास का जिक्र करते हुए आगे कहा, ‘बाबा तुलसीदास कहते हैं- नाना भांति राम अवतारा, रामायण शत कोटि अपारा। राम के अवतार के अनेकों-अनेक पहलू हैं और सैकड़ों तरीके से रामायण सुनाई जा सकती है।’

यूथ से कनेक्ट करने के लिए रखी ऐसी भाषा
‘आदिपुरुष’ में बजरंग के किरदार के एक डायलॉग पर बहुत लोगों ने आपत्ति जताई है। पूंछ में आग लगाए जाने पर ये किरदार कहता है- ‘तेल तेरे बाप का, आग भी तेरे बाप की और जलेगी भी तेरे बाप की।’ इस डायलॉग के बारे में मनोज ने कहा, ‘साढ़े सात हजार वर्ष पहले रामायण लिखी गई थी, तो अभी चार-साढ़े चार सौ साल पहले बाबा तुलसीदास ने अवधी में क्यों लिखी? हर रामायण सुनाने वाले का मिशन होता है, उसे लोगों तक पहुंचाना, समसामयिक भाषा में बात करना। रामायण की कथा का पहला मकसद है उसे लोगों तक, दूर-दूर तक पहुंचाना।’

उन्होंने आगे कहा कि यूथ जिस भाषा को नहीं समझता उसका सम्मान तो कर सकता है, लेकिन उससे कनेक्ट नहीं कर सकता। इसलिए उन्होंने डायलॉग एक ऐसी भाषा में लिखे, जो आजकल के युवाओं की भाषा है। मनोज ने कहा, ‘जिन लोगों ने पहले रामानंद सागर जी की रामायण देखी है उन्हें शायद ये भाषा न पसंद आए. लेकिन उन लोगों से हम हाथ जोड़कर माफ़ी मांग लेंगे क्योंकि हमारा पहला मकसद उन 10-12 साल के बच्चों से कनेक्ट करना था जिन्हें राम के बारे में कुछ नहीं पता होता।’

आदिपुरुष के खिलाफ दिल्ली HC में अपील
फिल्म को बैन करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। इसे हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने लगाया है। इसमें फिल्म के कई सीन, डायलॉग्स और किरदारों को हटाने की मांग की गई है। विष्णु गुप्ता ने याचिका में कहा, ‘फिल्म में हमारे आराध्य देवताओं का गलत तरीके से चित्रण किया गया है, जो कि आपत्तिजनक है। इसलिए ऐसी फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगनी चाहिए।’

Exit mobile version