मुंबई। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के मुखर आलोचक कहे जाने वाले नसीरुद्दीन शाह ने कहा है कि मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैशन हो गई है, सिनेमा के माध्यम से सरकार द्वारा चतुराई से इसे फैलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजनेता वोट के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं और चुनाव आयोग मूक दर्शक बना है।
एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि लोगों के दिमाग में मुस्लिमों के प्रति नफरत भरी जा रही है। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में नसीरुद्दीन शाह ने कहा, ‘यह समय बहुत चिंताजनक है। जिस तरह की चीजें चल रही हैं वो विशुद्ध और स्पष्ट रूप से प्रोपागैंडा है, इसके खूब मजे लिए जा रहे हैं। यह दिखा रहा है कि कैसा वक्त चल रहा है।’ नसीर आगे बोलते हैं, ‘आजकल पढ़े-लिखे लोगों के बीच भी मुस्लिमों से नफरत करना फैशनेबल बन गया है। सत्ता में जो पार्टी है उसने बड़ी चालाकी से लोगों की नस पकड़ ली है। हम बात करते हैं सेक्युलर ये, लोकतंत्र वो फिर क्यों हम हर चीज में धर्म को घुसा रहे हैं?’
प्रधानमंत्री इस तरह की बात करते हैं
नसीर ने कहा कि इलेक्शन कमिशन उन राजनेताओं के प्रति मूक दर्शक बन गया है, जो कि वोट के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका मानना है कि अगर कोई मुस्लिम नेता अल्लाहू अकबर कहकर वोट मांगता तो जबरदस्त तबाही हो जाती। वहीं प्रधानमंत्री जाकर इस तरह की बात करते हैं। इसलिए उम्मीद करता हूं कि यह सब खत्म होगा। लेकिन इस वक्त यह सब पीक पर है। इस सरकार ने बड़ी चालाकी से यह कार्ड खेला है, औऱ यह काम कर गया। देखते हैं ये सब कितना लंबा चलता है।