फिल्म पर बैन नहीं, कोई देखना नहीं चाहता ‘The Kerala Story’, SC में तमिलनाडु सरकार की दलील

‘The Kerala Story’ पर प्रतिबंध को लेकर तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सफाई दी है। राज्य सरकार ने बैन की बात से साफ इनकार कर दिया है। साथ ही कहा है कि खराब एक्टिंग के चलते थिएटर मालिकों ने खुद ही फिल्म को हटा दिया था। फिल्म के निर्माताओं ने सरकार के कथित शैडो बैन के फैसले को चुनौती दी है।

तमिलनाडु सरकार की तरफ से कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा गया कि दर्शकों की तरफ से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलने के चलते यह फिल्म सिनेमाघरों से हटा ली गई थी। कहा गया है, ‘थिएटर मालिकों ने एक्टर्स के खराब प्रदर्शन/ अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलने या मशहूर अभिनेताओं की कमी के चलते अपने मन से ही 7 मई से फिल्म की स्क्रीनिंग बंद कर दी थी।’ राज्य सरकार ने आरोप लगाए हैं कि याचिकाकर्ता इस याचिका के जरिए पब्लिसिटी हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं। आरोप लगाए गए कि फिल्म निर्माता यह सबूत देने में नाकाम रहे कि प्रतिबंध लगाने में सरकार का हाथ था। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की अगुवाई वाली सरकार ने शीर्ष न्यायालय में साफ कर दिया है कि राज्य में फिल्म पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं है।

याचिकाकर्ताओं के आरोप
फिल्म निर्माताओं का कहना है कि राज्य सरकार की तरफ से फिल्म की रिलीज के समय विरोध की आशंकाओं के चलते ‘अलर्ट’ जारी किया गया था, जिसकी वजह से सिनेमाघरों ने फिल्म को हटा लिया था। साथ ही यह भी कहा गया है कि राज्य के अधिकारियों ने अनौपचारिक तरीके से एग्जीबिटर्स से कहा था कि सरकार इस फिल्म के चलने का समर्थन नहीं करती है।

तमिलनाडु सरकार की सफाई
राज्य सरकार ने साफ कर दिया है कि थिएटर मालिकों ने अपने आप ही फिल्म चलाना बंद कर दिया है। ऐसे में हम थिएटर्स के सुरक्षा देने से ज्यादा और दर्शकों को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं कर सकते। हिंदी फिल्म केरल स्टोरी में कुछ महिलाओं की कहानी है, जो ISISI में शामिल हो जाती हैं।

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