मशहूर अभिनेता सतीश कौशिक का निधन, 67 साल की उम्र में ली आखिरी सांस

मुंबई। जाने-माने एक्टर सतीश कौशिक का गुरुवार तड़के निधन हो गया। वो एक्टर होने के साथ-साथ डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, कॉमेडियन और स्क्रीन राइटर भी थे। उनके काफी करीबी दोस्त अनुपम खेर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।

अनुपम खेर ने अपने दोस्त को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, ‘जानता हूं मृत्यु ही इस दुनिया का अंतिम सच है!पर ये बात मैं जीते जी कभी अपने जिगरी दोस्त सतीश कौशिक के बारे में लिखूँगा, ये मैंने सपने में भी नहीं सोचा था। 45 साल की दोस्ती पर ऐसे अचानक पूर्णविराम । सतीश, तुम्हारे बिना जिंदगी फिर कभी पहले जैसी नहीं रहेगी। ओम् शांति!’

दोस्तों संग खेली थी होली
सतीश कौशिक ने 7 मार्च की देर रात को अपना आखिरी ट्वीट किया था। सतीश कौशिक ने अपनी होली की तस्वीरें ट्वीट की थी, जिस में वो ऋचा चड्ढा, अली फजल, जावेद अख्तर और महिमा चौधरी संग नजर आ रहे थे। सतीश ने अपने ट्वीट में इस बात की जानकारी दी थी कि उन्होंने ये होली जानकी कुटीर, जुहू में खेली थी। इस ट्वीट के माध्यम से उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं दी थीं। तस्वीरों में हंसते हुए सतीश कौशिक को देख अब मन भारी हो रहा है।

हरियाणा में जन्मे थे, दिल्ली से स्कूली पढ़ाई की
सतीश कौशिक का जन्म 13 अप्रैल 1965 को हरियाणा में हुआ था। स्कूली पढ़ाई दिल्ली में हुई थी। किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन के बाद उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में एडमिशन लिया था। 1985 में उन्होंने शशि कौशिक से शादी की थी। 2 साल की उम्र में उनके बेटे का निधन हो गया था।

सतीश की फिल्मोग्रॉफी
बतौर निर्देशक सतीश कौशिक ने जहां रूप की रानी चोरों का राजा, प्रेम, हम आपके दिल में रहते हैं, हमारा दिल आपके पास है, मुझे कुछ कहना है, बधाई हो बधाई, तेरे नाम, क्योंकि, ढोल और कागज जैसी बेहतरीन फिल्मों का निर्देशन किया तो बतौर एक्टर उन्होंने मिस्टर इंडिया, मोहब्बत, जलवा, राम लखन, जमाई राजा, अंदाज, मिस्टर और मिसेज खिलाड़ी, साजन चले ससुराल, दिवाना मस्ताना, परदेसी बाबू, बड़े मियां छोटे मियां, हसीना मान जाएगा, राजा जी, आ अब लौट चलें, हम आपके दिल में रहते हैं, चल मेरे भाई, हद कर दी आपने, दुल्हन हम ले जाएंगे, क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता, गॉड तुस्सी ग्रेट हो और कागज सहित कई फिल्मों में दम दिखाया था।

मिस्टर इंडिया से पहचान मिली
सतीश ने 1983 में बॉलीवुड में कदम रखा। इससे पहले उन्होंने थिएटर में काम किया था। वे अभिनेता, कॉमेडियन, स्क्रिप्ट राइटर, निर्देशक और निर्माता थे। सतीश को पहचान 1987 में फिल्म मिस्ट इंडिया से मिली थी। इसके बाद उन्होंने 1997 में दीवाना-मस्ताना में पप्पू पेजर का किरदार निभाया था। सतीश को 1990 में राम लखन के लिए और 1997 में साजन चले ससुराल के लिए सर्वश्रेष्ठ हास्य अभिनेता का फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था।

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