दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) परिसर की कई इमारतों पर जातिसूचक शब्द और नारे लिखने का मामला सामने आया है। दीवारों पर ‘ब्राह्मणों कैंपस छोड़ो’, ब्राह्मणों भारत छोड़ो और ब्राह्मणों-बनियों हम आ रहे हैं, बदला लेंगे जैसे नारे लिखे हैं। आरएसएस से जुड़े विद्यार्थी संगठन एबीवीपी ने इसके लिए वामपंथी छात्र संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है।
स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज-द्वितीय भवन की दीवारों पर नारों को लिखा गया है। नलिन कुमार महापात्र, राज यादव, प्रवेश कुमार और वंदना मिश्रा सहित कई प्रोफेसरों के कक्षों की दीवार पर ‘गो बैक टू शाखा’ लिखा गया है। दीवारों पर लाल रंग से बड़ा-बड़ा लिखा है कि ब्राह्मण और बनिया हम आ रहे हैं। अगली दीवार पर एक हैशटैग के साथ लिखा है We will Avenge…यानी हम बदला लेंगे। जेएनयू की दीवारों पर एक और स्लोगन है, जिसमें लिखा है THERE WILL BE BLOOD…यानी यहां खून होगा।
जेएनयू कुलपति ने दीवारों पर लिखे गए जाति सूचक शब्दों के मामले में संज्ञान लेते हुए स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के प्रमुख और शिकायत समिति से मामले की अति शीघ्र जांच कर रिपोर्ट मांगी है। कुलपति ने मामले को लेकर कहा है कि जेएनयू समानता की बात करता है इस तरह की घटनाएं यहां कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
एबीवीपी जेएनयू के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, ‘कम्युनिस्ट गुंडों ने परिसर में जो किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े छात्रों ने दीवारों पर आपत्तिजनक बातें लिखी हैं। उन लोगों ने ऐसे प्रोफेसर्स के चेंबर्स को खराब किया है, जो खुले विचारों वाले हैं।’ रोहित ने कहा कि हम मानते हैं कि अकादमिक स्पेस का इस्तेमाल वाद-विवाद के लिए होना चाहिए। यूनिवर्सिटी जैसे स्थान का इस्तेमाल समाज और छात्र समुदाय के बीच जहर फैलाने के लिए नहीं होना चाहिए।