सुप्रीम कोर्ट ने लगाई एकता कपूर को फटकार, कहा- ‘आप युवाओं का दिमाग दूषित कर रही हैं’

नई दिल्ली। एकता कपूर की वेब सीरीज XXX सीजन 2 को लेकर मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्माता एकता कपूर को वेब सीरीज में ‘आपत्तिजनक सामग्री’ को लेकर फटकार लगाई और कहा कि वह इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को दूषित कर रही हैं।

शीर्ष अदालत कपूर द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनके ओटीटी प्लेटफॉर्म एल्ट बालाजी पर प्रसारित वेब सीरीज में कथित रूप से सैनिकों का अपमान करने और उनके परिवारों की भावनाओं को आहत करने के लिए उनके खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट को चुनौती दी गई थी। इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस सी टी रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘कुछ किया जाना जरूरी है क्योंकि आप इस देश की युवा पीढ़ी के दिमाग को प्रदूषित कर रही हैं। यह कंटेंट इंटरनेट पर सभी के लिए उपलब्ध है। आप लोगों को किस तरह का विकल्प प्रदान कर रही हैं? इसके विपरीत आप युवाओं के दिमाग को दूषित कर रही हैं।’

कता कपूर की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, लेकिन इस बात की कोई उम्मीद नहीं है कि मामले की सुनवाई जल्द होगी। उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत ने पहले भी इसी तरह के मामले में उनके क्लाइंट एकता कपूर को संरक्षण दिया था। इसके अलावा रोहतगी ने कहा कि यह कंटेंट सब्सक्रिप्शन पर बेस्ड है और इस देश में अपनी पसंद से कुछ भी देखे जाने की स्वतंत्रता है।

इस पर एकता कपूर के वकील को पीठ ने हिदायत देते हुए कहा, ‘हर बार जब आप इस अदालत में आते हैं, तो हम इसकी सराहना नहीं कर सकते। हम इस तरह की याचिका दायर करने के लिए आप पर एक लागत डालेंगे। आप कृपया इसे अपने मुवक्किल को बताएं। सिर्फ इसलिए कि आप सेवाओं को वहन कर सकते हैं यह अदालत उनके लिए नहीं है जिनके पास आवाज है। यह अदालत उन लोगों के लिए काम करती है जिनके पास आवाज नहीं है। जिन लोगों के पास हर तरह की सुविधाएं हैं, अगर उन्हें न्याय नहीं मिल सकता है तो इस आम आदमी की स्थिति के बारे में सोचें।’

2020 में दर्ज हुई थी शिकायत
बिहार के बेगूसराय की एक निचली अदालत ने पूर्व सैनिक शंभू कुमार की शिकायत पर वारंट जारी किया था। कुमार ने 2020 की अपनी शिकायत में कथित सीरीज ‘XXX’ (सीजन-2) में एक सैनिक की पत्नी से जुड़े कई आपत्तिजनक दृश्य को लेकर यह याचिका दायर की थी।

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