गाजियाबाद के छात्र अजय ने बनाया खास ‘पकवान’, अमेरिकी एजेंसी NASA से मिला सम्मान

गाजियाबाद। गाजियाबाद के 12वीं के एक छात्र अजय पाल ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिसने पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ा दिया है। नासा की ओर से हुई डीप स्पेस फूड चैलेंज प्रतियोगिता के पहले चरण में अजय ने सफलता हासिल कर दूसरे चरण में जगह बना ली है। इस प्रतियोगिता में शामिल होने वाले अजय भारत के इकलौते प्रतिभागी है।

नंदग्राम की दीनदयालपुरी कॉलोनी निवासी अजय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चयनित 28 विजेताओं में शामिल होने के साथ भारत से इकलौते प्रतिभागी हैं। नोएडा के ग्रीन संगत पब्लिक इंटर कॉलेज में 12वीं के छात्र अजय के पिता जीसी पाल एक डिस्पेंसरी संचालक और मां रश्मि गृहणी हैं। बीते साल अप्रैल 2021 में कोरोना महामारी के दूसरे चरण के दौरान अजय ने यूट्यूब के जरिये नासा की डीप स्पेस फूड चैलेंज प्रतियोगिता के बारे में जानकारी प्राप्त की फिर नासा की वेबसाइट पर जाकर अजय आवेदन किया था।

अजय ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन करने के बाद नासा ने पहले उनके बारे में जानकारी ली और फिर उनसे पूछा कि मंगल मिशन पर जाने वाले यात्रियों के लिए 3 साल के लिए भोजन का ऐसा फॉर्म्युला बताओ कि जिसे कम खाना पड़े और वह लंबे समय तक एनर्जी देता रहे। उन्होंने नासा को ऐसा ही एक फॉर्म्युला बताया जो उन्हें बेहद पसंद आया।

उन्होंने बताया कि इस फॉर्मूला में एक ऐसी चीज है, जिसके केवल पांच से छह ग्राम प्रतिदिन सेवन करने से शरीर की प्रोटीन, विटामिन अन्य पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सकता है। इस फॉर्मूले का खुद पर प्रयोग किया तो यह बिल्कुल सही और प्रभावशाली पाया। इसी फॉर्मूले को नासा ने सराहने के साथ विश्व की टॉप 28 टीमों में शामिल किया। इसमें 18 टीमें अमेरिका और बाकी भारत सहित अन्य देश की हैं। नासा की ओर से भेजे गए ईमेल में परिणाम जारी होने तक फॉर्मूूले के बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की हिदायत दी गई है।

अजय ने बताया कि उनके साथ पूरा परिवार आयुर्वेद पर पूरा भरोसा करता है। घर पर केवल आयुर्वेदिक वस्तुओं का इस्तेमाल होता है। ऐसे में दादा चंद्रपाल सिंह और अन्य बड़ों की ओर से बताए गए फॉर्मूले पर परिवार में अक्सर कर मंथन होता था।

अजय की इस उपलब्धि पर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से पत्र लिखकर बधाई दी गई है। नासा की प्रतियोगिता में अजय ने मां की ईमेल आईडी से आवेदन किया था। ऐसे में इसरो के विशिष्ट वैज्ञानिक व वैज्ञानिक सचिव उमामहेश्वरन आर. ने अजय को पत्र लिखकर गहन अंतरिक्ष खाद्य चुनौती टीम में प्रस्तुत किए गए फॉर्मूले की सराहना की है। इसरो की विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने को प्रोत्साहित किया।

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