गाजियाबाद। इंदिरापुरम क्षेत्र में 12 मई को हुई ऑटो लूट में चार बदमाशों को शुक्रवार देर शाम मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान एक बदमाश को पैर में गोली लगी है। उसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस अधीक्षक नगर द्वितीय ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि शुक्रवार रात करीब आठ बजे पुलिस टीम इंदिरापुरम कोतवाली क्षेत्र में चेकिंग कर रही थी। कनावनी के पास आटो सवार चार संदिग्धों को पुलिस ने रोकने की कोशिश की। चारों हिंडन बैराज की ओर भागने लगे। पीछा करने पर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की। इसमें एक संदिग्ध को गोली लगी।
पुलिस ने घेराबंदी करके गोली लगने से घायल संदिग्ध को तीन साथियों के साथ दबोच लिया। घायल की पहचान संगम विहार, दिल्ली के शातिर लुटेरे दिलशाद आलम उर्फ जावेद के रूप में हुई। उसके खिलाफ दिल्ली-एनसीआर में दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। मौके से गिरफ्तार उसके साथियों की पहचान सोमवीर निवासी बिल्सी बदायूं, सिराज निवासी उसहैत बदायूं और रिंकू निवासी सिडपुरा कासगंज के रूप में हुई।
उनके पास से 12 मई को कनावनी क्षेत्र में लूटा गया आटो, दो तमंचा, दो कारतूस, दो खोखा, दो चाकू बरामद हुआ। ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित लूट का आटो जिस व्यक्ति को बेचने जा रहे थे उसके बारे में भी जानकारी जुटाई जा रही है। उसके खिलाफ भी विधिक कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस क्षेत्राधिकारी इंदिरापुरम अभय कुमार मिश्र ने बताया कि चारों शातिर लुटेरे हैं। गिरोह बनाकर दिल्ली-एनसीआर में लूट करते थे। दिलशाद गिरोह का सरगना है। गिरोह में दूसरा स्थान रखने वाले सोमवीर के खिलाफ पांच हत्या की कोशिश, लूट सहित पांच मुकदमे दर्ज हैं। सिराज व रिंकू गिरोह में नए हैं। उनके खिलाफ एक-एक मुकदमा दर्ज हैं। सभी का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है। गैंगस्टर और अपराध से अर्जित संपत्ति कुर्क की जाएगी।