दिवाली पर यूपी में केवल ग्रीन पटाखे बेचने की अनुमति

लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट के हानिकारक पटाखों पर प्रतिबंध को बरकरार रखने के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश के गृह विभाग ने राज्य में पटाखों की बिक्री को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। दीपावली पर इस बार उत्तर प्रदेश में केवल हरित (ग्रीन) पटाखों की बिक्री होगी। इनके अलावा अन्य पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित होगी। कोर्ट ने सभी राज्यों को कड़ाई से आदेश का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हुए कहा है कि किसी भी तरह की ढिलाई या उल्लंघन को गंभीरता से लिया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए हैं कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अधीन कोविड -19 महामारी की परिस्थिति के मद्देनजर प्रदेश में हरित पटाखों का विक्रय एवं निर्धारित समय सीमा के अंतर्गत उपयोग की अनुमति दी जाती है। अपर मुख्य सचिव के मुताबिक सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यदि संबंधित क्षेत्र की वायु गुणवत्ता मॉडरेट अथवा बेहतर है तो वहां संबंधित प्राधिकारी द्वारा हरित पटाखों का विक्रय एवं उपयोग अनुमन्य किया जा सकता है।

अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि प्रदेश का प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 27 शहरों में एयर क्वालिटी की निगरानी कर रहा है।  इस वर्ष जनवरी से सितंबर माह तक प्रदेश के समस्त शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, आगरा, सोनभद्र, गजरौला, गाजियाबाद, हापुड़, वाराणसी, नोएडा, फिरोजाबाद, झांसी, खुर्जा, प्रयागराज, मेरठ, मुरादाबाद, बरेली, रायबरेली, मथुरा, सहारनपुर, गोरखपुर, उन्नाव, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़ एवं अयोध्या में वायु गुणवत्ता का स्तर मॉडरेट पाया गया।

क्या कहा कोर्ट ने?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई महीने में एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि जिन क्षेत्रों में वायु की गुणवत्ता थोड़ी प्रदूषित या अच्छी है वहां ग्रीन पटाखों की बिक्री की अनुमति अधिकारी दे सकते हैं। इन जगहों पर अन्य पटाखों की बिक्री प्रतिबंधित ही रहेगी। ऐसे में योगी सरकार ने कोर्ट के निर्देश और कोविड-19 की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ग्रीन पटाखों की बिक्री की इजाजत दी है। साथ ही पटाखों की बिक्री के लिए समय सीमा भी निर्धारित की है। यह समय सीमा स्थानीय स्तर पर जिलाधिकारी तय करेंगे।

दीवाली पर शाम आठ से 10 बजे तक ही चल सकेंगे ग्रीन पटाखे
सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक दीवाली की शाम सिर्फ 8 बजे से 10 बजे तक ही पटाखे चलाए जा सकते हैं। इसके अलावा क्रिसमस और नववर्ष पर रात 11.55 से 12.30 तक पटाखे चलाए जा सकते हैं।

क्या हैं ग्रीन पटाखे
पर्यावरण को कम प्रदूषित करने वाले पटाखों को ग्रीन पटाखे कहा जाता है। इनमें वायु प्रदूषण फैलाने वाले हानिकारक रसायन जैसे- एल्युमिनियम, बैरियम, पौटेशियम नाइट्रेट और कार्बन इस्तेमाल नहीं होते। बताया जाता है कि इनके जरिए पर्यावरण प्रदूषण में 30 से 40 फीसदी की कमी आती है।

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