पूर्व सांसद धनंजय सिंह को मिली जमानत, अब पत्नी का करेंगे चुनाव प्रचार

जौनपुर। उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूर्व सांसद व बाहुबली धनंजय सिंह की जमानत प्रयागराज हाइकोट से मंजूर हो चुकी है। शनिवार को यह फैसला आया और उस वक्त धनंजय को जौनपुर से एंबुलेंस के जरिये बरेली जेल में शिफ्ट किया जा रहा था। रास्ते में ही जमानत की खबर लगी तो पुलिस भी कुछ देर के लिए असमंजस में पड़ गई।
जौनपुर एमपी-एमएलए कोर्ट ने धनंजय सिंह को सात साल की सजा सुनाई थी। फैसले के खिलाफ धनंजय ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल करते हुए सजा पर रोक लगाने और जमानत की मांग की थी। हाईकोर्ट के जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया। 25 अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में बहस पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बहस के दौरान पूर्व सांसद के वकील ने कोर्ट से कहा था कि धनंजय सिंह को राजनीतिक साजिश का शिकार बनाया गया है। धनंजय सिंह की पत्नी और बसपा प्रत्याशी श्रीकला रेड्डी ने जौनपुर में प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा-मेरे पति की हत्या हो सकती है। मेरे पति के ऊपर जिन लोगों ने एके-47 से जानलेवा हमला किया था। वे लोग सत्ता से सांठ-गांठ करके उनकी हत्या का प्रयास कर सकते हैं। उन्हें किसी और फर्जी मुकदमे में फंसा सकते हैं। क्योंकि, मेरे पति उस मामले में गवाह है, जिनकी गवाही से आरोपियों को सजा होनी तय है। इस दौरान श्रीकला ने किसी का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष के लोग डरे हैं। यही वजह रही कि हाईकोर्ट के फैसले तक का इंतजार नहीं किया। मेरे मंगलसूत्र, मेरे सिंदूर, मेरे पति को आज दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया। आज मुझे और मेरे बच्चों को जान का खतरा है। हमें सुरक्षा दी जानी चाहिए। श्रीकला रेड्डी ने इस दौरान किसी का नाम नहीं लिया।
ये था पूरा मामला
धनंजय को इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण-रंगदारी मामले में कोर्ट ने 6 मार्च को 7 साल की सजा सुनाई थी। तब से यानी 53 दिन से वह जौनपुर जेल में बंद था। धनंजय की पत्नी श्रीकला को बसपा ने जौनपुर से टिकट दिया। भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्यमंत्री कृपाशंकर सिंह को उतारा है। कृपाशंकर सिंह ने 2021 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वॉइन की थी। जौनपुर में 29 अप्रैल से 6 मई तक नामांकन होना है।
Exit mobile version