नई दिल्ली। वंदे भारत, शताब्दी, राजधानी व एक्सप्रेस ट्रेनों के साथ ही लोकल ट्रेनों की भी रफ्तार बढ़ाने की तैयारी है। इसके लिए एमईएमयू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेनों के रैक में बदलाव किया जा रहा है। इस तरह के तीन रैक तैयार हो हैं। इनके सफल परीक्षण करने के बाद दिल्ली मंडल में लोकल ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने की तैयारी शुरू हो गई है। दिल्ली व इसके आसपास के शहरों से लाखों लोग लोकल ट्रेनों में सफर करते हैं। अक्सर ट्रेनें लेट चलती हैं जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार इसे लेकर यात्रियों की नाराजगी भी सामने आती है।

ऐसे में अब लोकल ट्रेनो की लेटलतीफी दूर करने की तैयारी है। इस समय एमईएमयू ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 100 किलोमीटर है, लेकिन औसतन 50 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलती हैं। मिशन रफ्तार के तहत ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाई जा रही है। दिल्ली से हावड़ा और दिल्ली से मुंबई के बीच राजधानी एक्सप्रेस को 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने की तैयारी चल रही है। कोरोना संकट के दौरान बड़े पैमाने पर संरक्षा कार्य करने के साथ ही कई रेलखंड की गति सीमा भी बढ़ाई गई है। कोरोना काल में करीब साढ़े छह सौ किलोमीटर रेलवे पटरी का नवीनीकरण किया गया है। इसका लाभ दैनिक यात्रियों को भी मिलेगा।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि एमईएमयू ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए इसके रैक में बदलाव जरूरी है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। तीन नए रैक तैयार हो गए हैं। इसमें ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) ने परीक्षण करने के बाद इसे चलाने की अनुमति दे दी है। जल्द ही दिल्ली मंडल में तीनों नई एमईएमयू ट्रेनें चलेंगी। बाद में उत्तर रेलवे अन्य मंडलों में भी पुरानी एमईएमयू ट्रेन बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इन रेलखंड की गति बढ़ाई गई है।