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विशेषज्ञों का कहना है कि दूसरी लहर से पहले भी दिल्ली में 56 फीसद लोग सीरो पॉजिटिव थे। दूसरी लहर के बाद सीरो पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ चुकी है इसलिए तीसरी लहर का असर हल्का रहने की संभावना है।
नई दिल्ली। देश के कुछ हिस्सों में कोरोना के मामले बढ़ने के कारण तीसरी लहर की आशंका जताई जाने लगी है। दिल्ली में भी संक्रमण दर 0.06 फीसद से बढ़कर 0.12 फीसद हो गई है। इसे तीसरी लहर की आहट समझा जा रहा है। डाक्टर भी कहते हैं कि तीसरी लहर आने की आशंका तो है, लेकिन यह दूसरी लहर की तरह ज्यादा घातक नहीं होगी। खासतौर पर दिल्ली में तीसरी लहर का असर दूसरी लहर की तुलना में कम हो सकता है। चूंकि, दिल्ली में करीब तीन चौथाई लोग संक्रमित हो चुके हैं और इस वक्त पूरी दुनिया के लिए चिंता का कारण बने डेल्टा वायरस का कहर भी यहां के लोग ङोल चुके हैं। फिर भी सतर्कता व बचाव के नियमों का पालन जरूरी है। डॉक्टर कहते हैं कि अस्पतालों में इलाज की तैयारियों के साथ-साथ टीके की दूसरी डोज देने पर जोर देना होगा। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि टीके की दोनों डोज लेने के बाद गंभीर संक्रमण होने का खास खतरा नहीं रहता।
कोरोना पर एनटागी (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन) के कार्यसमिति के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाके में करीब 75 फीसद लोग संक्रमित हो चुके हैं। उनमें कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी बन चुकी है। डेल्टा प्लस को लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी डेल्टा प्लस के मामले दुनिया में कहीं नहीं आ रहे हैं। यूरोप, उत्तरी अमेरिका सहित अभी जहां भी कोरोना के मामले बढ़े हैं, हर जगह डेल्टा वायरस का संक्रमण फैला है। जिन इलाकों में पहले बहुत ज्यादा लोग संक्रमित नहीं हुए हैं, वहां पर मामले बढ़ सकते हैं। इस पर दो सप्ताह तक नजर रखने की जरूरत है। दो सप्ताह में स्थिति स्पष्ट होगी।
दिल्ली मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन की निदेशक प्रोफेसर डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि पहली लहर की तुलना में दिल्ली में दूसरी लहर में 124 फीसद अधिक लोग संक्रमित हुए। महाराष्ट्र में 180 फीसद व केरल में 200 फीसद से अधिक मामले बढ़े। इसका कारण यह है कि दूसरी लहर से पहले भी दिल्ली में 56 फीसद लोग सीरो पॉजिटिव थे। दूसरी लहर के बाद सीरो पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ चुकी है, इसलिए तीसरी लहर का असर हल्का रहने की संभावना है।
डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा कि दिल्ली में 18 साल से अधिक उम्र की करीब 50 फीसद आबादी को कम से कम एक डोज व 18.23 फीसद आबादी को टीके की दोनों डोज दी जा चुकी हैं। दोनों डोज लगने के बाद ज्यादातर लोगों को गंभीर संक्रमण नहीं होता है। इसलिए टीके की दूसरी डोज देने पर जोर देना होगा, ताकि आधी आबादी का संपूर्ण टीकाकरण जल्द संभव हो सके। साभार-दैनिक जागरण
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