अगर CRPF नहीं होती तो… मणिपुर में आतंकवाद का सामना व साहस की अनकही दास्तां

मणिपुर:- हिंसा की लहर थमने का नाम नहीं ले रही है। ताजा घटना जिरीबाम जिले की है, जहां आतंकवादी हमले में आठ निर्दोष लोगों की जान चली गई। राज्य सरकार ने इसे एक आतंकी हमला बताया है, लेकिन केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने तत्परता दिखाते हुए कई जानों को बचाया।
मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने इस मामले पर बयान देते हुए बताया कि 10 कुकी आतंकवादियों ने जिरीबाम के बोरोबेकरा गांव में स्थित एक राहत शिविर पर हमला करने की कोशिश की। यह शिविर 115 विस्थापित मैतेई नागरिकों से भरा हुआ था, जिन्हें सीआरपीएफ ने समय रहते बचा लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमले में आतंकवादी अत्याधुनिक हथियारों जैसे रॉकेट लांचर और एके-47 से लैस थे। आतंकवादियों ने पहले पुलिस शिविर पर हमला किया, जिसमें दो लोग मारे गए और फिर राहत शिविर में घुसने की कोशिश की।
सीआरपीएफ की त्वरित कार्रवाई से हमले को नाकाम किया गया, हालांकि, इस संघर्ष में आठ लोग मारे गए। इनमें से छह लोग, जिनमें तीन छोटे बच्चे भी थे, का अपहरण कर हत्या कर दी गई। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर सीआरपीएफ की तैनाती नहीं होती, तो कई नागरिकों की जान जा सकती थी।

 

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