दिल्ली में कोरोना पर गुड न्यूज, पॉजिटिविटी रेट 1% से कम, 24 घंटे में महज 576 नए केस

पढ़िये न्यूज़18 की ये खबर 

Delhi News: पिछले 24 घंटे में दिल्ली में 576 नए कोरोना (Coronavirus in Delhi) मरीज मिले हैं. 103 लोगों की मौत संक्रमण की वजह से हो गई है.

नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना (Coronavirus) के मामलों में गिरावट जारी है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 576 नए मरीज मिले हैं. आज संक्रमण की वजह से 103 मरीजों की मौत हो गई है. हालांकि मंगलवार के मुकाबले मौत का आंकड़ा बढ़ा है. 1,287 मरीजों ने कोरोना को मात देने में सफलता हासिल की है. अब दिल्ली में एक्टिव केस 9,364 हो गई है. अब तक कुल 14,27,439 कोरोना केस सामने आए हैं. दिल्ली में अब पॉजिटिविटी रेट (Positivity Rate) घटकर 0.78 फीसदी हो गई है.

इधर, दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का पहला डोज दिया गया है. अस्पताल की ओर से सही मरीजों का चयन कर यह दवा उनको दी जा रही है. अस्पताल की ओर से जानकारी दी गई कि एक 65 वर्षीय मरीज जिसको कोरोना के शुरुआत में ही एंटीबॉडी कॉकटेल दिया गया. आगे उसका संक्रमण गंभीर हो सकता था, इसी को ध्यान में रखते हुए उसे यह एंटीबॉडी दी गई और एक घंटे तक उस पर निगरानी रखी गई. इसके बाद देखा गया कि इस एंटीबॉडी का उस मरीज में अच्छा प्रभाव हुआ है. अब गंगाराम अस्पताल में भी इसकी तैयारियां हो रही है.

क्या है कॉकटेल ड्रग

‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ दो दवाइयों Casirivimab और Imdevimab का मिश्रण है जो कोरोना से लड़ने में किसी मरीज की शक्ति को बढ़ाती है. इसमें वायरस पर दो तरफ से हमला किया जाता है. इन दोनों दवाओं के 600-600 MG मिलाने पर ‘एंटीबॉडी कॉकटेल’ दवा तैयार की जाती है. जानकारों के मुताबिक, ये दवा कोरोना वायरस को मानवीय कोशिकाओं में जाने से रोकती है जिससे वाइरस को न्यूट्रिशन नहीं मिलता. इस तरह ये दवा वायरस को रेप्लिकेट करने से रोकती है यानि अधिक संख्या में नही बनने देता. फ़िलहाल इसके एक डोज की कीमत 59,000 रुपये के तक़रीबन तय की गई है.आसान शब्दों में समझें तो जब कोई संक्रमित होता है, तो शरीर एंटीबॉडी बनाने में औसतन दो हफ्ते का समय लेता है लेकिन यह दवा बनी बनाई इम्यूनिटी है. ‘कॉकटेल ड्रग’ बॉडी में जाते ही काम करना शुरू कर देती है और संक्रमित मरीज की बीमारी और लक्षण को बाहर आने से रोकती है. यह एंटीबॉडी 3 से 4 हफ्ते तक चल जाती है. तब तक मरीज ठीक हो जाता है. इस दवा के सेवन से मरीज को इलाज के लिए एडमिट होने की नौबत कम आती है. इससे मौत को भी कम करने में मदद मिलती है.साभार- न्यूज़18

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