फेल होगी तो शादी करा देंगे..घरवालों के इस धमकी के कारण दिनरात मेहनत कर IAS बन गई: IAS Nidhi Sivach

पढ़िए दी लॉजिकली की ये खबर…

हमारे देश में सदियों से ऐसे रिवाज चलता आया है कि जब लड़कियों की उच्च शिक्षा अर्जन का समय आता है तब गार्जियन उसका शादी करने का मन बना लेते हैं। लेकिन यह रिवाज एकदम गलत है, जैसे प्रकृती ने सभी को बनाने में भेदभाव नहीं किया है, उसी तरह सरकार ने भी बिना भेदभाव सभी को शिक्षा का अधिकार दिया है। आज हम बात करेंगे, एक लड़की की जिसने अपनी पढ़ाई के जिद को पूरा करने के लिए अपने पिता के शर्त को पूरा किया। बाद में वे पिता के शर्त को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करके UPSC के परीक्षा में कामयाब हुई।

कौन है वह लड़की?

हम बात कर रहे हैं निधि सिवाच (Nidhi Sivach) के बारे में, जो कि मूल रूप से हरियाणा (Hariyana) की रहने वाली है। साल 2015 में उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से ग्रेजुएशन किया था। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद में टेक महिंद्रा में नौकरी की थी। वे यहां एक अच्‍छी पोस्‍ट पर काम कर रही थीं। हालांकि, कॉलेज टाइम तक उन्होंने सोचा था कि वह डिजाइन या फिर डिफेंस के फील्ड में जाएंगी। निधि कहती हैं- “जब मैं एफकैट का इंटरव्यू दे रही थी तब मुझसे इंटरव्यू लेने वाले सर ने कहा तुम्हें सिविल सर्विस की तैयारी करनी चाहिए। बस इसके बाद से ही मैंने तैयारी करने के बारे में सोचा।”

बिना कोचिंग के की तैयारी

निधि ने बिना कोचिंग के ही पढ़ाई की। इस बारे में निधि का कहना है कि कुछ लोगों को लगता है कि सिविल सर्विसेज की तैयारी के लिए कोचिंग करना जरूरी है तथा दिल्‍ली में कोचिंग करना जरूरी है। लेकिन निधि के अनुसार ऐसा कुछ भी नहीं है। वह मानती हैं कि ये सभी बातें झुठी हैं। ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं है। बस मन में लगन होनी चाहिए।

पापा ने रख दी थी शर्त

निधि जब तैयारी कर रही थीं तो उनके पिता ने साफ कह दिया था कि अगर वे किसी भी एग्‍जाम में फेल हो जाती हैं तो उनकी शादी करा देंगे। हालांकि ऐसा नहीं था कि वे निधि के पढ़ाई के खिलाफ थे लेकिन सामाजिक दबाव के चलते वे चाहते थे कि, बेटी की शादी सही समय पर करा देंगे।

झोंक दी सारी ताकत

घर वालों की शर्त मानने के बाद निधि को यह बात पता थी कि उनके पास अब ज़्यादा समय नहीं है। इसी वजह से उन्होंने तैयारी में अपनी जान लगा दी। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यूपीएससी की तैयारी के लिए निधि ने खुद को 6 महीने तक अपने कमरे में बंद रखा। घर में रहते हुए भी उनका घर वालों से बातचीत नहीं था। वह मानती हैं कि, ऐसे समय में पारिवारिक बातें उनका ध्यान भटका रही थीं। वह सारा समय अपनी किताबों के साथ गुज़ारने लगीं। इस दौरान ना ही उन्होंने किसी तरह की कोई कोचिंग ली और ना ही सोशल ग्रुप में शामिल हुईं।आखिरकार निधि की मेहनत रंग लाई और उन्होंने अपने तीसरे प्रयास में ऑल इंडिया 83वां रैंक प्राप्त कर लिया। इसके साथ ही निधि का सपना पूरा हुआ और वह आईएएस बन गईं।

भींग गई थी आंसर शीट

एग्‍जाम का अनुभव शेयर करते हुए निधि ने मीडिया को बताया कि, मेरा मेन्स का पहला एग्जाम था। मैं निबंध लिख रही थीं। मैंने आधे घंटे बॉडी सट्रक्चर बना लिया था और लिखने वाली थी। मैं एक पेज लिख चुकी थी, तभी जो मेरे पीछे बैठे थे उन्होंने मेरी आंसर शीट पर गलती से पानी गिरा दिया। मेरी पूरी आंसर शीट भीग गई थी। इस वजह से मेरे 15 से 20 मिनट खराब हो गए थे। मैं हार मारने वाली थी, लेकिन ये एग्जाम आपकी धैर्य की भी परीक्षा लेता है। आज परिणाम सबके सामने हैं।

यह परिणाम निधि के मेहनत और खुद पर विश्वास का है। हमे भी इस लड़की को खुद के लिए प्रेरणा के रूप में लेनी चाहिए और सदैव अपने आप पर विश्वास रखनी चाहिए तथा अपने काम के प्रति जुनून रखनी चाहिए। साभार-दी लॉजिकली

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