कोरोना के दौर में यह जानना जरूरी है:अगर आप कोविड के शिकार हैं तो घबराएं नहीं, 14 दिन में इन 3 फेज से पा सकते हैं बेहतर रिकवरी का फॉर्मूला

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किसी को कोरोना हो जाए तो उसे 14 दिनों तक आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाती है। इन 14 दिनों में उसके सिम्टम्स क्या होते हैं, उनमें क्या बदलाव होता है? उसके लिए हमें किन सावधानियों का ख्याल रखना चाहिए? इसे हम तीन फेज में समझ सकते हैं। इसे हम एक SOP यानी स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर समझते हैं। कई मामलों में मरीज और घर वाले कोविड होने के डर से इतना परेशान हो जाते हैं कि उनके लिए कोई निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है। ऐसे समय में यह SOP आपके लिए मददगार साबित होगा।

पहला फेज – ये शुरुआती चार दिनों का होता है

अगर आपको कोविड के सिम्टम्स हैं, या टेस्ट पॉजिटिव है तो, यह सबसे महत्वपूर्ण समय है। इस समय वायरस आपके गले में रहता है और शरीर में फैलने की कोशिश करता है, वायरस इसी समय सबसे शक्तिशाली होता है। इस दौरान सेहतमंद खाना खाएं और अपने फेफड़ों को दुरुस्त रखने के लिए एक्सरसाइज करें।

इसके साथ अपना ऑक्सीजन लेवल, बीपी और टेंपरेचर मॉनिटर करना न भूलें, शुगर पेशेंट हैं तो अपनी शुगर भी दिन में दो बार चेक करें और आराम करें। अस्पताल जाकर डॉक्टर की सलाह पर कोविड प्रोफाइल कहे जाने वाले CRP, CBC, LFT, LDH, D-Dimer, IL-6, Serum Ferritin, Procalcitonin, Urea Creatinine and Chest HRCT scan. जैसे टेस्ट करा लें।

फेज 1 के बाद दो सिचुएशन बन सकती हैं

पहली सिचुएशन में आपको बुखार नहीं होगा और ऑक्सीजन लेवल 96 से ऊपर रहेगा। डी डायमर और आई एल 6 टेस्ट भी नॉर्मल आए हैं और सर्दी भी कम होने लगी है। इसका मतलब आप ठीक हो रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद भी आपको अपने शरीर को मॉनिटर करते रहना है।

दूसरी सिचुएशन में हो सकता है कि आपको बुखार हो और ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा हो। ऐसे में घबराएं नहीं। तुरंत अपने डॉक्टर से बात करिए और चेस्ट का सीटी स्कैन कराने के बाद अस्पताल में एडमिट हो जाएं। याद रखिए भारत में काेविड का सर्वाइवल रेट 98 पर्सेंट है।

अब आता है सेकेंड फेज – ये 5वें दिन से 9वें दिन तक का होता है

यह बुखार कम होने का फेज होता है। इस दौरान खूब प्रोटीन रिच डाइट खाएं, पीठ स्ट्रेच करने वाली एक्सरसाइज करें, इस फेज में ज्यादातर मरीजों को पीठ के साथ-साथ पूरे शरीर में बहुत दर्द महसूस होता है।

  • इस दौरान ढेर सारी कैलोरी और प्रोटीन खाएं, हल्की एक्सरसाइज करें
  • स्टीम लें और अपना तापमान और ऑक्सीजन चेक करते रहें
  • सूप, चाय और जूस (कीवी और संतरे का) पीते रहें और सत्तू खाएं या फिर राेजाना दो उबले अंडे खाएं।

फेज 2 मॉनिटरिंग फेज होता है, इसके बाद भी दो सिचुएशन बन सकती हैं

पहली सिचुएशन – आप स्वस्थ हैं, रिकवर कर रहे हैं और बेहतर महसूस कर रहे हैं। ऐसा है तो खुश हो जाइए और पौष्टिक खाना खाकर शरीर को और मजबूत बनाएं।

दूसरी सिचुएशन – आपको दोबारा बुखार हुआ है, इस फेज में बुखार वापस आना सही संकेत नहीं है, इसका मतलब है कि शरीर में वायरस अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ऐसे में अस्पताल जाकर चेस्ट का सीटी स्कैन करा लें और डॉक्टर की सलाह लें।

अब बात फेज-3 की, ये 10वें दिन से 14वें दिन तक होता है

यह रिकवरी फेज होता है, इस दौरान आप खतरे के बिल्कुल बाहर होते हैं। इस समय अच्छी डाइट लें, धीरे-धीरे एक्सरसाइज का समय बढ़ाएं ताकि आप अपना स्टेमिना रीगेन कर सकें। अपने वाइटल्स पर नजर बनाए रखें। इस फेज में आप लोगों से मिलें नहीं, खुद को आइसोलेट रखें और अपना ध्यान रखें।साभार-दैनिक भास्कर

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