कोरोना वैक्सीन के लिए क्या एक हज़ार रुपए देने होंगे?- प्रेस रिव्यू

पढ़िए बीबीसी न्यूज़ हिंदी की ये खबर…

टेलीग्राफ इंडिया की ख़बर के मुताबिक, कांग्रेस ने कोरोना वैक्सीन के लिए ‘एक देश-एक दाम’ की मांग करते हुए टीकाकरण के लिए मोदी सरकार की योजना को नाकाफ़ी बताया है और आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रही है.

कांग्रेस का ये बयान मोदी सरकार की उस घोषणा के बाद आया है, जिसमें ये कहा गया है कि एक मई से भारत में सभी वयस्कों को कोरोना वैक्सीन लगेगी.

साथ ही कहा गया था कि वैक्सीन बनाने वाली दवा कंपनियां अपने कुल उत्पादन का आधा भारत सरकार को मुहैया कराएंगी और बाक़ी आधा उत्पादन राज्य सरकारों या खुले बाज़ार में आपूर्ति करने के लिए स्वतंत्र होंगी.

नई नीति पर कांग्रेस का कहना है कि इससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, जिनकी आर्थिक सेहत पहले ही अच्छी नहीं है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम, जयराम रमेश और अजय माकन ने मंगलवार को संयुक्त रूप से ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ”ये सरकार एक देश एक टैक्स और एक देश एक चुनाव में यक़ीन करती है, लेकिन एक देश एक दाम में उसका भरोसा नहीं है.”

केंद्र, राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों के लिए वैक्सीन का एक ही दाम तय करने पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, ”वैक्सीन के लिए एक देश एक दाम नीति क्यों नहीं हो सकती. मुझे लगता है कि ये एक जायज़ मांग है.”

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने दावा किया कि ”मोदी सरकार ने कोरोना वैक्सीन की कमी होने की बात आख़िरकार मान ही ली है.”

उन्होंने कहा, ”बदली गई वैक्सीन नीति में केंद्र सरकार अपनी ज़िम्मेदारी से भाग रही है, इससे राज्यों पर बोझ बढ़ेगा. वैक्सीन बनाने वालों को अधिक मुनाफ़ा होगा. साथ ही केंद्र और राज्यों के साथ-साथ अमीर और ग़रीबों के बीच खाई भी बढ़ती जाएगी.

कोरोना वैक्सीन का एक डोज़ 700 से 1000 रुपये तक हो सकता है

टाइम्स ऑफ इँडिया की ख़बर के मुताबिक, ज़्यादा कंपनियां जब प्राइवेट मार्केट में वैक्सीन उतारेंगी तो कोरोना वैक्सीन के एक डोज़ की कीमत 700 से 1,000 रुपये तक हो सकती है. ध्यान देने वाली बात है कि सरकारी अस्पतालों के लिए इसकी कीमत 250 रुपये तय की गई है.

सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला के एक पुराने साक्षात्कार के आधार पर ख़बर में दावा किया गया है कि उन्होंने कोविशील्ड की प्राइवेट मार्केट में एक डोज़ की कीमत लगभग एक हज़ार रुपए बताई थी.

इसी तरह, स्पूतनिक V का आयात करने वाली डॉक्टर रेड्डी एक डोज़ के लिए अपना दाम 750 रुपए के अंदर रख सकती है. हालांकि इस बारे में कोई अंतिम फ़ैसला अभी नहीं हुआ है.

इस बारे में कंपनियां का कहना है कि वैक्सीन की क़ीमत कई वजहों से तय होती है. इसमें देखना होगा कि वो प्राइवेट मार्केट में कितनी वैक्सीन बेच पाएंगे, कितनी वैक्सीन का निर्यात करेंगे. इसमें सप्लाई चेन जैसे मुद्दे भी शामिल हैं.

निर्मला सीतारम का दावा साल 2021 कोविड वर्ष नहीं होगा

बिज़नेस स्टैंडर्ड में छपी ख़बर के मुताबिक, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत को भरोसा दिलाया है कि संक्रमण की दूसरी लहर के बावजूद साल 2021 कोविड वर्ष नहीं होगा और आर्थिक स्तर पर बेहतरी जारी रहेगी.

कोलकाता में मंगलवार को मर्चेंट्स चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सदस्यों को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, आप भी इस चुनौती को स्वीकार करेंगे. वर्ष 2019 नक़दी का साल था. साल 2020 कोविड में गया, लेकिन दूसरी लहर के बावजूद साल 2021 कोविड वर्ष नहीं होगा. मैं आपको भरोसा दिलाती हूं.

रिज़र्व बैंक और केंद्र के बीच ‘अच्छे’ संबंधों का हवाला देते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बैंक और सरकार ने देश और अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए हमेशा मिल-जुलकर काम किया है.

कोरोना के निपटने के लिए सरकार के टीकाकरण उपायों का ज़िक्र करते हुए वित्त मंत्री ने इस बात को ख़ासतौर पर रेखांकित किया कि टीकाकरण की गति बढ़ाने के लिए सरकार दो वैक्सीन निर्माताओं को 4650 करोड़ रूपये दे रही है.

उन्होंने कहा, ”आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हमने उन्हें 100 प्रतिशत राशि का एडवांस भुगतान किया है.”

‘कोरोना के लिहाज से अगले तीन हफ्ते बेहद नाज़ुक’

हिंदुस्तान में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, कोरोना संकट पर मंगलवार रात प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन से पहले नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने चेतावनी दी है कि कोरोना के लिहाज से भारत में अगले तीन हफ़्ते बेहद नाज़ुक हो सकते हैं.

ख़बर में कहा गया है कि मौजूदा हालात और आने वाले दिनों में दिक्कत बढ़ने की आशंका के मद्देनज़र अस्पतालों के ढांचे को मज़बूत करने के साथ ही लोगों की आवाजाही पर कड़ी पाबंदी, ज़्यादा भीड़ पर प्रतिबंध और आरटी-पीसीआर जांच बढ़ाने पर ज़ोर दिया गया है.

इस बैठक में शामिल दिल्ली के अधिकारियों ने कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से अस्पतालों में बेड्स की कमी का हवाला देते हुए केंद्र से मदद का अनुरोध किया है. साभार-बीबीसी न्यूज़ हिंदी

आपका साथ – इन खबरों के बारे आपकी क्या राय है। हमें फेसबुक पर कमेंट बॉक्स में लिखकर बताएं। शहर से लेकर देश तक की ताजा खबरें व वीडियो देखने लिए हमारे इस फेसबुक पेज को लाइक करें।हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Exit mobile version