हाउस टैक्स के एरियर पर ब्याज से मिलेगा छुटकारा, प्रदेश के लाखों भवन मालिकों को राहत

नगर निगम और नगर पालिकाओं की मनमानी झेलते हैं लोग। राज्य वित्तीय संसाधन बोर्ड ने एरियर पर ब्याज न लगाने का सुझाव शासन को भेजा है जिसका परीक्षण भी कर लिया गया है। जल्द ही राहत भरा शासनादेश जारी होगा।

लखनऊ। प्रदेश सरकार शहरी भवन स्वामियों को बड़ी राहत देने जा रही है। अब उन्हें हाउस टैक्स के एरियर पर ब्याज नहीं देना होगा। राज्य वित्तीय संसाधन बोर्ड ने एरियर पर ब्याज न लगाने का सुझाव शासन को भेजा है, जिसका परीक्षण भी कर लिया गया है। जल्द ही राहत भरा शासनादेश जारी होगा। इस फैसले से लाखों लोगों को नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों की मनमानी से छुटकारा मिलेगा।

लखनऊ नगर निगम की बात करें तो वर्ष 2002 और फिर 2010 में हाउस टैक्स की नई दरों को लागू किया मगर, भवन स्वामियों को नई दर के बिल नहीं दिए। ऐसे में उनके पास 2002 और 2010 की नई दरों के बिल एरियर और ब्याज के साथ भेजे जा रहे हैैं। यही हाल तमाम नगर निगम व नगर पालिकाओं का है।

ऐसे लगाया जाता है ब्याज-

अगर आप हाउस टैक्स नियमित जमा कर रहे हैं और निगम या पालिकाओं से आपके पास टैक्स की नई दर का नया बिल नहीं भेजा गया तो अधिकारियों व कर्मचारियों पर वसूली बढ़ाने का दबाव पड़ता है। अपनी गर्दन बचाने के लिए वे भवन को नई दर से पुनरीक्षण कर देते हैं। ऐसे में 10 साल पहले लागू नई दर का बिल का लंबा चौड़ा एरियर भी बन जाता है। इतना ही नहीं, एरियर की तिथि से 12 प्रतिशत सालाना ब्याज भी लगा दिया जाता है। यानी अगर कोई पांच हजार हाउस टैक्स जमा कर रहा है तो भी नई दर का पुनरीक्षण कर एरियर और उस पर ब्याज लगने से एक लाख रुपये से अधिक का बिल पहुंच जाता है। इसके बाद भवन स्वामी दफ्तर के चक्कर लगाते हैैं। तब ले-देकर ब्याज की रकम को कम करने का खेल होता है। लखनऊ निगम सदन का भी निर्णय है कि एरियर पर ब्याज न लिया जाए, लेकिन जानकारी के अभाव में भवन स्वामी शोषण का शिकार होते हैं। ऐसे में नए शासनादेश से भवन स्वामियों को ब्याज माफी के लिए दौड़ नहीं लगानी होगी।

ताजा उदाहरण-

टैक्स में गड़बड़ी का ताजा उदाहरण पुराना शहर स्थित हैदरगंज वार्ड के 29 मुहल्ले हैैं, जिसे भवन कर निर्धारण सूची में शामिल ही नहीं किया गया था। अब दो दिन पहले ही नगर निगम सदन ने उन्हें शामिल करने पर मंजूरी दी है। यहां के भवन स्वामियों को एरियर के साथ भुगतान करना होगा, लेकिन शासनादेश राहत मिल सकेगी।

‘लखनऊ नगर निगम के कुछ पार्षदों की यह शिकायत आई थी कि हाउस टैक्स के एरियर पर ब्याज लगाने से भवन स्वामी परेशान हैं। ऐसे में राज्य वित्तीय संसाधन बोर्ड से राय मांगी गई थी। बोर्ड ने भी एरियर पर ब्याज लगाए जाने पर असहमति जताई है। जल्द ही शासनादेश जारी का एरियर पर लगने वाले ब्याज को माफ कर दिया जाएगा।’ – डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, विशेष सचिव नगर विकास, साभार – दैनिक जागरण

हमारा न्यूज़ चैनल सबस्क्राइब करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
Follow us on Facebook http://facebook.com/HamaraGhaziabad
Follow us on Twitter http://twitter.com/HamaraGhaziabad

Exit mobile version