क्या बन पाया है “कचरा मुक्त” गाज़ियाबाद, नगर निगम के दावे जांचेगी क्यूसीआई की टीम

क्या गाज़ियाबाद नगर निगम शहर को “गारबेज फ्री सिटी” बनाने में सफल हो पाया है? स्वच्छ सर्वेक्षण में नगर निगम की एक परीक्षा पूरी हो गई है, अब सोमवार से दूसरी शुरू होगी। नगर निगम के गारबेज फ्री सिटी (जीएफसी) के दावों को परखने क्यूसीआई (क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया) की टीम गाजियाबाद पहुंचेगी। यह टीम नगर निगम द्वारा किए जा रहे कूड़ा निस्तारण के इंतजाम देखेगी।

इस बार चार फेज में शहर की स्वच्छता को परखा जाएगा। पहले चरण में ओडीएफ प्लस-प्लस के दावों को परखने के लिए क्यूसीआई की टीम ने चार दिन तक गाजियाबाद को परखा और शुक्रवार को यह टीम परीक्षण करके लौट गई। नगर निगम अधिकारियों के मुताबिक, अब दूसरी टीम गारबेज फ्री सिटी के दावों को परखने सोमवार को गाजियाबाद पहुंचेगी।

यह टीम देखेगी कि डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है या नहीं। घरों से कूड़ा कलेक्ट कर सड़क किनारे तो नहीं डाला जा रहा है। गीला और सूखा कचरा अलग-अलग कलेक्ट हो रहा है या नहीं। शहर के आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों में कूड़ा डालने के लिए डस्टबिन लगाए हैं या नहीं। कई बिंदुओं पर निरीक्षण होगा।

हालांकि माह का दूसरा शनिवार होने से अवकाश था, लेकिन नगर आयुक्त दिनेश चंद्र ने सभी का अवकाश निरस्त कर दिया। शनिवार को भी नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी स्वच्छ सर्वेक्षण की तैयारी करते रहे।

स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में पब्लिक फीडबैक का भी कंपोनेंट शामिल किया गया है। इसके लिए केंद्र सरकार ने 1500 अंक निर्धारित किए हैं। 31 जनवरी तक जिस शहर के लोग सबसे ज्यादा फीडबैक देंगे, उसको ज्यादा अंक मिलेंगे। ऐसे में नगर निगम ने अब सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को फीडबैक ज्यादा से ज्यादा संख्या में कराने का टारगेट दिया है। नगर निगम अधिकारी बाजारों, सोसायटियों, संस्थानों में जाकर लोगों को एप के जरिए फीडबैक देने के लिए जागरूक कर रहे हैं।

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