भोपाल। मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले से पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। इस केस में नित नई चौंकाने वाली बातें सामने आ रही हैं। अब यह बात सामने आई है कि इस बड़े ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट में 40 से अधिक कॉल गर्ल्स और बॉलीवुड की बी-ग्रेड अभिनेत्रियां भी कथित रूप से शामिल रही हैं। इन्होंने राज्य के एक पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व राज्यपाल समेत कई अफसरों व नेताओं को अपने जाल में फंसाया।
मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी के सूत्रों ने बताया कि अभी तक अफसरों व नेताओं की आपत्तिजनक अवस्थाओं की 92 वीडियो क्लिप मामले में गिरफ्तार पांच महिलाओं के कई मोबाइल फोनों और दो लैपटॉप से बरामद हुई हैं। इस रैकेट की किंगपिन श्वेता स्वप्निल जैन ने राज्य सरकार के महत्वपूर्ण विभागों को संभालने वाले अफसरों व नेताओं के हनीट्रैप के लिए बड़ी कॉल गर्ल्स को अपने साथ जोड़ा था।
श्वेता इन कॉल गर्ल्स को सुविधानुसार किसी गेस्ट हाउस या पांच सितारा होटल में किसी अफसर या नेता के पास भेजती थी। वहां किसी गुप्त मोबाइल या कैमरे से उस अफसर या नेता की कॉल गर्ल के साथ आपत्तिजनक अवस्था का वीडियो बना लिया जाता था। जब कोई अफसर या मंत्री किसी सरकारी काम से मुंबई या दिल्ली जाते थे तो वहां उन्हें उनकी मांग के अनुसार मॉडल व बॉलीवुड अभिनेत्रियां भी उपलब्ध कराई जाती थीं।
हालांकि, सूत्रों ने बताया कि अभी एसआईटी को इस तरह की वीडियो क्लिप नहीं मिली है, जिसमें कोई अभिनेत्री दिखाई दे रही हो। इन वीडियो के आधार पर श्वेता अफसर या मंत्री को ब्लैकमेल करती थी। सूत्रों के मुताबिक, श्वेता ने यह भी स्वीकार किया है कि मध्यप्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री ने भोपाल के पॉश इलाके में मीनाल रेसिडेंसी में उसे एक बंगला भी गिफ्ट किया था।
मामले में एक आरोपित आरती दयाल ने भी पूछताछ के दौरान स्वीकार किया है कि वह मध्यप्रदेश के एक वरिष्ठ आईएएस अफसर के संपर्क में आई और उन्होंने उसे कई मंत्रियों से मिलवाया। उस आईएएस अफसर ने उसे भोपाल में एक फ्लैट भी दिलवाया। बाद में यह फ्लैट उसकी सभी अवैध गतिविधियों का अड्डा बन गया।
आरती ने यह भी बताया कि फ्लैट के कुछ कमरों में गुप्त कैमरे लगाए गए थे जहां नेताओं, अफसरों व सरकारी इंजीनियरों की आपत्तिजनक अवस्थाओं के वीडियो बना लिए जाते थे। आरती ने यह भी बताया कि उसने कुछ मामलों में मंत्रियों को बॉलीवुड की बी-ग्रेड की अभिनेत्रियां व मॉडल भी उपलब्ध कराई। श्वेता की तरह आरती का भी एनजीओ है। वह अफसरों व मंत्रियों को कॉल गर्ल्स उपलब्ध कराने के बदले अपने एनजीओ के लिए भारी भरकम सरकारी फंड लेती थी।
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