गाजियाबाद: डेयरी संचालक के अपहरण और मारपीट के मामले में इंस्पेक्टर, दो दरोगा सहित आठ पर दर्ज होगा मुकदमा

गाजियाबाद। डेयरी संचालक का अपहरण कर अवैध रूप से हिरासत में रखकर मारपीट करने व अंग भंग करने के मामले में तत्कालीन एसएचओ सिहानी गेट मिथिलेश कुमार उपाध्याय, दो सब-इंस्पेक्टर गौरव कुमार व विजय कुमार, अल्का वर्मा, उनके पति मुकेश वर्मा व तीन अज्ञात कांस्टेबल के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के आदेश दिया गया है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संदीप चौधरी की अदालत ने यह आदेश दिया है।

पूर्व बार सचिव अधिवक्ता परविंदर नागर ने बताया कि सिहानी गेट थानाक्षेत्र के नेहरू नगर में रहने वाले विनोद कुमार डेयरी चलाते हैं। उनकी डेयरी पर मुकेश वर्मा का आना जाना था। वर्ष 2015 में मुकेश वर्मा ने बच्चों की पढ़ाई के नाम पर उनसे दो लाख रुपये उधार लिए। इसके बाद ऐसे ही बहाना बनाकर करीब 9.72 लाख रुपये ले लिए। विनोद कुमार ने पैसे वापस मांगे तो मुकेश वर्मा ने सब-इंस्पेक्टर के परिचित होने की बात कहकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।

छह सितंबर 2021 की रात 8:30 बजे राकेश मार्ग के पास से डेयरी संचालक विनोद कुमार को दयानंद नगर चौकी इंचार्ज गौरव कुमार एसआई विजय कुमार व तीन सिपाही उनकी स्कार्पियो गाड़ी में डालकर ले गए और सिहानी गेट थाने के हवालात में बंद कर दिया।

आरोप है कि थाने में पीड़ित को बुरी तरह पीटा, जिसके चलते उनकी एक आंख की रोशनी चली गई। सात सितंबर को पुलिस ने उनके खिलाफ शांति भंग करने की कार्रवाई की। पीड़ित ने जब्त गाड़ी को रिलीज कराने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया। 10 सितंबर को सिहानी गेट पुलिस ने अदालत में रिपोर्ट पेश कर अवगत कराया कि थाने में विनोद कुमार सिंह की कोई गाड़ी नहीं है।

पीड़ित ने थाने में खड़ी गाड़ी का फोटो खींचकर अदालत में प्रार्थना पत्र पेश किया, जिसके बाद अदालत ने फिर से सिहानी गेट थाने से रिपोर्ट तलब की। दूसरी रिपोर्ट में सिहानी गेट थाना पुलिस ने लावारिस में गाड़ी दाखिल होने की रिपोर्ट दी।

अदालत ने एसएसपी को स्वयं या किसी राजपत्रित अधिकारी से जांच कराने के आदेश दिए, जिसके बाद सीओ द्वितीय ने पुलिसकर्मियों को बचाते हुए आख्या रिपोर्ट सौंपी। प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान अदालत ने जांच रिपोर्ट को दरकिनार किया और तथ्यों व परिस्थिति के आधार पर उपरोक्त सभी के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के आदेश दिए।

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