शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार: साहस, शौर्य व बलिदान की मिसाल

गुरुवार को उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के इंस्पेक्टर सुनील कुमार को पुलिस लाइन स्थित शहीद स्मारक पर अंतिम विदाई दी गई। मुठभेड़ के दौरान मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह के कुख्यात अपराधी अरशद समेत चार बदमाशों को मार गिराने वाले सुनील कुमार ने अपनी जान की परवाह न करते हुए शहादत दी।
शहीद को अंतिम सलामी
सुनील कुमार का पार्थिव शरीर जसवंत राय अस्पताल से पुलिस लाइन लाया गया, जहां एडीजी डीके ठाकुर, डीआईजी कलानिधि नैथानी, डीआईजी अभिषेक सिंह, डीएम वीके सिंह, एसएसपी विपिन ताडा सहित कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान, उनके बेटे मोनू उर्फ मनजीत ने पुष्प अर्पित करते हुए कहा, “पापा, आज तो कुछ बोल दो।” यह भावुक क्षण हर किसी की आंखों को नम कर गया।
वीरता और सेवाभाव का सफर
सुनील कुमार का जन्म मेरठ के मसूरी गांव में हुआ था। 1 सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही के रूप में भर्ती हुए सुनील ने 1997 में मानेसर, हरियाणा में कमांडो कोर्स किया। जनवरी 2009 से वह एसटीएफ का हिस्सा बने और 16 साल तक उन्होंने अपराधियों से निपटने में अद्वितीय साहस का परिचय दिया।
प्रमुख उपलब्धियां और मुठभेड़
मार्च 2008: जनपद फतेहपुर में ओम प्रकाश उर्फ उमर केवट को मुठभेड़ में मार गिराने के लिए उन्हें “आउट ऑफ टर्म प्रमोशन” दिया गया।
मई 2023: कुख्यात अपराधी अनिल दुजाना को मार गिराने वाली टीम का हिस्सा रहे।
दिसंबर 2024: हाशिम बाबा गिरोह के शूटर और 1 लाख के इनामी अनिल उर्फ सोनू मटका को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई।
जनवरी 2025: मुस्तफा उर्फ कग्गा गिरोह के सरगना अरशद समेत चार अपराधियों को मार गिराने की टीम का नेतृत्व किया।
अंतिम संस्कार और परिवार की भावना
सुनील कुमार के पार्थिव शरीर को मसूरी गांव लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। परिवार और ग्रामीणों ने उनके अदम्य साहस और बलिदान को नमन किया।
सुनील कुमार का योगदान अविस्मरणीय
इंस्पेक्टर सुनील कुमार ने न केवल यूपी पुलिस और एसटीएफ के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक मिसाल पेश की। उनके शौर्य और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेगी।
हमारे शहीदों को सलाम-
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