ऑनलाइन गेम व सट्टेबाजी के जरिए 70 करोड़ की ठगी: 30 शातिर अपराधी गिरफ्तार

मऊ पुलिस ने राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन गेम और सट्टेबाजी का लालच देकर 70 करोड़ रुपये की साइबर ठगी करने वाले 30 शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों को मंगलवार की शाम शहर कोतवाली के समीप से पकड़ा गया। इनसे भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लैपटॉप, मोबाइल, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड, चेकबुक, पासबुक और अन्य सामान बरामद किया गया।
एसपी ने दी जानकारी
पुलिस लाइन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान एसपी इलामारन ने बताया कि ये अपराधी संगठित साइबर अपराधी हैं। ये लोग गरीब और बेरोजगार व्यक्तियों की फर्जी आईडी बनाकर सिम कार्ड प्राप्त करते थे। इसके बाद, फर्जी बैंक खाते खोलकर एटीएम और यूपीआई के माध्यम से ट्रांजेक्शन करते थे। इन अपराधियों ने “रेड्डी बुक” और “बीन बज” जैसी फर्जी अंतरराष्ट्रीय वेबसाइटें बनाई थीं, जिनके जरिए ऑनलाइन गैम्बलिंग और सट्टेबाजी का जाल फैलाया गया।
बरामदगी
पुलिस ने आरोपियों के पास से निम्नलिखित सामान बरामद किया:-
10 लैपटॉप
129 सिम कार्ड
117 मोबाइल फोन
161 एटीएम कार्ड
125 बैंक पासबुक
38 चेकबुक
10 आधार कार्ड
07 पैन कार्ड
02 टैबलेट
12 अभिलेखीय रजिस्टर
02 क्यूआर कोड स्कैनर
ठगी का तरीका
एसपी ने बताया कि इन अपराधियों ने फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड का इस्तेमाल करते हुए करोड़ों रुपये का लेनदेन किया। नवंबर माह में मऊ के हलधरपुर क्षेत्र के सुमित यादव के खाते में 34 लाख रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन हुआ था। फाइनेंस इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू), दिल्ली की टीम ने इस खाते को संदिग्ध मानते हुए मऊ पुलिस को जांच का निर्देश दिया।
जांच में खुलासा हुआ कि यह खाता “म्यूल खाता” था, जिसे सुमित यादव ने छत्तीसगढ़ के भिलाई निवासी अरविंद कुमार चौधरी को बेच दिया था।
छापेमारी और गिरफ्तारी
मऊ पुलिस ने गोरखपुर पुलिस के साथ मिलकर गुलरिहा क्षेत्र के चार अपार्टमेंट्स में छापेमारी की। इस दौरान 29 युवकों को पकड़ा गया। पूछताछ में पता चला कि इनका मुख्य सरगना सुमित यादव था। सभी आरोपियों को मंगलवार को मऊ लाकर जेल भेज दिया गया।
गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार आरोपियों में उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा और छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हैं। मुख्य आरोपियों में निम्नलिखित नाम प्रमुख हैं:
सुमित यादव (हलधरपुर, मऊ)
त्रीनाथ रति (बलंगीर, उड़ीसा)
रोशन कुमार (सहरसा, बिहार)
अमित कुमार झा (जमुनिया, बिहार)
धीरज कुमार (नवीनगर, बिहार)
अरविंद कुमार चौधरी (भिलाई, छत्तीसगढ़)
इनके अलावा अन्य कई राज्यों के निवासी भी शामिल हैं, जिन्होंने इस संगठित साइबर अपराध को अंजाम दिया।
यह संगठित साइबर अपराध यह दिखाता है कि डिजिटल युग में ठगों ने किस हद तक तकनीक का दुरुपयोग किया है। मऊ पुलिस की यह कार्रवाई एक बड़ी सफलता है, जो न केवल पीड़ितों को न्याय दिलाएगी बल्कि अन्य साइबर अपराधियों के लिए भी चेतावनी साबित होगी। पुलिस के प्रयास से यह स्पष्ट होता है कि ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए सतर्कता और त्वरित कार्रवाई आवश्यक है।
Exit mobile version