गाजियाबाद: यातायात नियमों का उल्लंघन व प्रशासन की निष्क्रियता बनी गंभीर समस्या

गाजियाबाद:- NCR का एक प्रमुख शहर, तेजी से यातायात नियमों के उल्लंघन और प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है। सड़कों पर अनियंत्रित वाहन, यातायात पुलिस की निष्क्रियता और नागरिकों की उदासीनता न केवल दुर्घटनाओं में वृद्धि कर रहे हैं, बल्कि शहर की आबोहवा और सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव डाल रहे हैं।
यातायात उल्लंघन: आंकड़े और समस्याएं
1. चालान और जुर्माने की स्थिति
वर्ष 2024 में गाजियाबाद पुलिस ने हजारों चालान काटे और करोड़ों रुपये का जुर्माना वसूला।
लेकिन चालानों की संख्या में वृद्धि के बावजूद यातायात नियमों के उल्लंघन में कोई कमी नहीं आई है।
2. 10 साल पुराने वाहनों का संचालन
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) के दिशानिर्देशों के अनुसार, NCR में 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों का संचालन प्रतिबंधित है।
बावजूद इसके, गाजियाबाद में 20,000 से अधिक ऐसे वाहन प्रतिदिन सड़कों पर दौड़ रहे हैं, जिनमें से अधिकतर बिना वैध फिटनेस प्रमाणपत्र के चलते हैं।
3. ब्लैक स्पॉट्स और दुर्घटनाएं
गाजियाबाद पुलिस ने शहर में 24 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की है, जहां सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं।
इनमें से 8 ब्लैक स्पॉट्स एनएच-9 पर हैं, जो ओवरस्पीडिंग, रेड लाइट जंपिंग और गलत पार्किंग के लिए कुख्यात हैं।
प्रमुख यातायात उल्लंघन और उनके परिणाम
1. नो-पार्किंग और गलत पार्किंग
शहर के प्रमुख बाजारों, स्कूलों और अस्पतालों के आसपास नो-पार्किंग जोन में वाहनों को खड़ा करना आम बात हो गई है।
लोहा मंडी, पुराना बस अड्डा और नया गाजियाबाद इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित हैं।
2. ओवरस्पीडिंग और रेड लाइट जंपिंग
मेरठ रोड और Hapur Bypass जैसे हाईवे पर ओवरस्पीडिंग और रेड लाइट जंपिंग दुर्घटनाओं की मुख्य वजह है।
3. प्रदूषण फैलाने वाले वाहन
बिना प्रदूषण प्रमाणपत्र और फिटनेस टेस्ट के सड़कों पर चलने वाले वाहन न केवल नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि शहर के पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं।
प्रशासन की कोशिशें और कमियां
1. डिजिटलीकरण और ITMS का वादा
नवभारत टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, गाजियाबाद प्रशासन शहर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) लागू करने की तैयारी कर रहा है।
41 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जो ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को रिकॉर्ड करेंगे और ऑटोमैटिक चालान जारी करेंगे।
2. ब्लैक स्पॉट्स का सर्वेक्षण:
गाजियाबाद पुलिस ने दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए शहरभर में ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की है।
संबंधित विभागों को इन ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के लिए पत्राचार किया गया है।
3. सीसीटीवी कैमरों की खराब स्थिति:
हालांकि कई चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे पहले से लगे हैं, लेकिन उनकी खराब स्थिति और सीमित प्रभावशीलता यातायात नियमों के उल्लंघन को रोकने में बाधा बन रही है।
समाधान और आगे का रास्त
1. कड़े नियमों का पालन
NGT के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए और 10 साल पुराने वाहनों को जब्त किया जाए।
ओवरस्पीडिंग और रेड लाइट जंपिंग के लिए भारी जुर्माने और सख्त सजा का प्रावधान किया जाए।
2. डिजिटलीकरण
ITMS को जल्द से जल्द लागू किया जाए और सीसीटीवी कैमरों को दुरुस्त किया जाए।
3. सामाजिक जागरूकता
नागरिकों को यातायात नियमों के महत्व और उनके उल्लंघन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएं।
4. प्रशासन और नागरिकों का समन्वय
यातायात नियमों के पालन में नागरिकों और प्रशासन दोनों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
गाजियाबाद में यातायात नियमों का उल्लंघन केवल कानून व्यवस्था की समस्या नहीं, बल्कि एक गंभीर सामाजिक और पर्यावरणीय मुद्दा है। प्रशासन की लापरवाही और नागरिकों की अनदेखी इसे और जटिल बना रही है।
यह जरूरी है कि प्रशासन अपने वादों को वास्तविकता में बदले और नागरिक यातायात नियमों के पालन को अपनी जिम्मेदारी समझें। तभी गाजियाबाद की सड़कों को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया जा सकेगा।
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