सेना दिवस पर अमर बलिदानी कैप्टन शुभम गुप्ता को मरणोपरांत सेना मेडल, देश ने वीरता को किया नमन

पुणे में आयोजित सेना दिवस समारोह में आगरा के रणबांकुरे कैप्टन शुभम गुप्ता को उनकी अदम्य वीरता और साहस के लिए मरणोपरांत सेना मेडल से सम्मानित किया गया। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने यह मेडल शुभम के माता-पिता, पुष्पा गुप्ता और बसंत कुमार गुप्ता को ससम्मान सौंपा। जैसे ही मंच पर कैप्टन शुभम गुप्ता की वीरता की कहानी सुनाई गई, वहां मौजूद हर व्यक्ति ने ‘भारत माता की जय’ और ‘शुभम अमर रहें’ के गगनभेदी नारों के साथ उन्हें नमन किया।
कैप्टन शुभम गुप्ता: साहस और बलिदान की अद्वितीय मिसाल
प्रतीक एन्क्लेव, आगरा के निवासी कैप्टन शुभम गुप्ता भारतीय सेना की पैराशूट रेजिमेंट 9 पैरा स्पेशल फोर्स के कमांडो अधिकारी थे। वह 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुए और 8 दिसंबर 2018 को कमीशन प्राप्त किया। 22 नवंबर 2023 को जम्मू-कश्मीर के राजोरी जिले में आतंकियों से लोहा लेते हुए वह 27 वर्ष की आयु में शहीद हो गए। उनकी वीरता और राष्ट्रभक्ति के लिए 26 जनवरी 2024 को उन्हें सेना मेडल देने की घोषणा की गई थी।
पिता की गर्व भरी बातें
कैप्टन शुभम के पिता, बसंत कुमार गुप्ता, जो डीजीसी क्राइम हैं, ने गर्व और भावुकता से कहा, “शुभम हमेशा कहता था, ‘पापा, मौत तो सबकी तय है। जब मेरी बारी आएगी, तो आप मुझ पर गर्व करेंगे।’ आज बेटे की बात सच हो गई। उसने अपने प्राण भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिए, और यह मेरे लिए सबसे बड़ा गर्व है।”
मां का बलिदान पर गर्व
मां पुष्पा गुप्ता ने बेटे के सेना मेडल को सीने से लगाते हुए कहा, “मेरा बेटू अमर हो गया। वह सिर्फ मेरा बेटा नहीं, बल्कि भारत मां का बेटा था। उसने देश के लिए अपना जीवन दिया और अब वह भारत मां की गोद में चैन की नींद सो रहा है।”
पुणे में हुआ गरिमामय सम्मान समारोह
सेना दिवस के अवसर पर सदर्न कमांड पुणे में आयोजित परेड में देशभर से वीर सिपाहियों और बलिदानी सैनिकों के परिजन ने हिस्सा लिया। समारोह के दौरान जब माइक से कैप्टन शुभम गुप्ता की वीरता की कहानी सुनाई गई, तो हर किसी की आंखें नम हो गईं और भारत माता की जयघोष से पूरा वातावरण गूंज उठा।
देश का गौरव बना शुभम
शुभम गुप्ता ने अपने साहस और बलिदान से न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे देश का गौरव बढ़ाया है। वह देश के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। उनके अदम्य साहस और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
भारत मां के सच्चे सपूत
कैप्टन शुभम गुप्ता जैसे रणबांकुरे हमारे देश की ताकत और सम्मान का प्रतीक हैं। उनकी कुर्बानी यह संदेश देती है कि देश की सेवा और सुरक्षा से बढ़कर कुछ भी नहीं। शुभम गुप्ता का नाम भारतीय सेना और देश के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा।
जय हिंद!
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