बांग्लादेश में सत्ता के खिलाफ जनसैलाब: शहाबुद्दीन की कुर्सी पर खतरा

ढाका:- बांग्लादेश में छात्र प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग को लेकर बंगभवन का घेराव कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति को सात दिनों का अल्टीमेटम दिया है, जो पिछले महीने शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद और भी तेज हो गया है। छात्रों का आक्रोश उस वक्त भड़का जब शहाबुद्दीन ने कहा कि उनके पास हसीना के इस्तीफे का कोई दस्तावेजी सबूत नहीं है।
अंतरिम सरकार ने बांग्लादेश छात्र लीग (बीसीएल) पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया है, जिसे पिछले 15 वर्षों में कई अनैतिक गतिविधियों में शामिल माना गया है। प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा गोलीबारी में दो लोग घायल हो गए हैं, जबकि हिंसा को नियंत्रित करने के लिए ग्रेनेड का भी उपयोग किया गया।
छात्र आंदोलन के समन्वयक हसनत अब्दुल्ला ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को इस सप्ताह तक पूरा नहीं करती है, तो वे फिर से सड़कों पर उतरेंगे। प्रदर्शनकारी 1972 के संविधान को खत्म करने और नए संविधान की मांग कर रहे हैं, साथ ही पिछले चुनावों को अवैध घोषित करने की भी मांग कर रहे हैं।
बांग्लादेश के इस हालात ने राजनीतिक उथल-पुथल को और बढ़ा दिया है, और यह देखना होगा कि यह आंदोलन आगे किस दिशा में बढ़ता है।
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