रूस-यूक्रेन युद्ध पर बोले PM मोदी: शांति से सुलझाएं, युद्ध का अंत करें

रूस :- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22-23 अक्टूबर को कजान, रूस में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया। इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें दोनों नेताओं ने विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
इस बैठक के दौरान, पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के बारे में अपनी चिंताओं को साझा किया। उन्होंने कहा, “मैंने हमेशा कहा है कि समस्याओं का समाधान शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए। हम शांति और स्थिरता की जल्दी स्थापना का समर्थन करते हैं।” उनका यह बयान न केवल भारत की विदेश नीति को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत वैश्विक मुद्दों पर एक सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है।
पुतिन ने इस अवसर पर भारत के साथ सहयोग की निरंतरता की पुष्टि की और बताया कि अगले अंतर-सरकारी आयोग की बैठक 12 दिसंबर को नई दिल्ली में होगी। उन्होंने कजान में भारतीय वाणिज्य दूतावास के उद्घाटन का स्वागत किया, जो दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगा। कजान का दौरा केवल राजनीतिक चर्चाओं तक ही सीमित नहीं था। पीएम मोदी ने कजान में रूसी समुदाय के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य प्रदर्शन का आनंद लिया। इस प्रदर्शन में शामिल एक रूसी कलाकार ने कहा, “हम बहुत उत्साहित और नर्वस थे, हमने इस नृत्य के लिए लगभग तीन महीने तक अभ्यास किया। लोग पीएम मोदी को पसंद करते हैं।” यह घटना भारत और रूस के बीच सांस्कृतिक संबंधों की गहराई को दर्शाती है।
कजान में मोदी के स्वागत में, वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों ने गीत गाए, जो भारतीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है। कजान में उपस्थित भारतीय समुदाय ने पीएम मोदी के लिए पोस्टरों में “भारत गणराज्य का प्रधानमंत्री” लिखा, जो उनकी पहचान और गर्व को दर्शाता है।
पीएम मोदी ने सम्मेलन से पहले एक बयान में कहा कि भारत ब्रिक्स के भीतर घनिष्ठ सहयोग को महत्व देता है। उन्होंने इस मंच को वैश्विक विकास एजेंडे पर बातचीत और चर्चा के लिए महत्वपूर्ण बताया। पिछले साल नए सदस्यों को जोड़ने के बाद ब्रिक्स का विस्तार इसकी समावेशिता और वैश्विक भलाई के एजेंडे को बढ़ाने में सहायक रहा है।
पीएम मोदी की कजान यात्रा ने भारत और रूस के बीच संबंधों को और गहरा किया है। यह शिखर सम्मेलन न केवल राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता है, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी प्रोत्साहित करता है। मोदी की यह यात्रा यह दर्शाती है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है, और यह ब्रिक्स के भीतर सहयोग को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
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