सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के बुलडोजर एक्शन की सराहना की: क्या कहा न्यायाधीशों ने?

सुप्रीम कोर्ट:- हाल ही में राज्य सरकारों द्वारा आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने के मामलों पर कड़ी आपत्ति जताई। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी आरोपी को दोषी साबित किए बिना उसके घर को ढहाना कानूनी प्रक्रिया का उल्लंघन है और इसे किसी भी परिस्थिति में जायज नहीं ठहराया जा सकता। इस दिशा-निर्देश के बाद, यूपी सरकार ने अपने बुलडोजर एक्शन पर स्पष्टीकरण पेश किया। यूपी सरकार द्वारा प्रस्तुत हलफनामे पर सुप्रीम कोर्ट ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी और योगी सरकार की प्रशंसा की। कोर्ट ने माना कि यूपी सरकार ने न्यायिक निर्देशों का पालन करते हुए सही कदम उठाए हैं।
योगी सरकार ने हलफनामे में क्या बयान दिया? सुप्रीम कोर्ट ने इसे सराहा
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया कि प्रदेश में किसी के घर को बिना कानूनी प्रक्रिया के नहीं तोड़ा जा रहा है। गृह विभाग के विशेष सचिव ने एक हलफनामे में बताया कि किसी भी अचल संपत्ति को केवल कानूनी प्रक्रिया के तहत ध्वस्त किया जा सकता है और राज्य सरकार इस प्रक्रिया का पूरी तरह पालन कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के इस जवाब की सराहना की और कहा कि सरकार ने न्यायिक निर्देशों का सही तरीके से पालन किया है। कोर्ट ने यह भी संकेत दिया कि इस मामले में पूरे देश के लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे और पक्षकारों के वकीलों से सुझाव मांगे जाएंगे। यह स्थिति न्यायिक मानकों और कानूनी प्रक्रिया के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, और सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के ठोस और पारदर्शी रुख को उचित माना है।
कोर्ट ने और क्या निर्देश दिए?
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा कि जो भी पक्षकार मामले पर सुझाव देना चाहते हैं, वे उन्हें मध्य प्रदेश के अतिरिक्त महाधिवक्ता नचिकेता जोशी के ईमेल आईडी sr.adv.nachiketajoshi@gmail.com पर भेज सकते हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वह किसी भी अवैध निर्माण को संरक्षण नहीं देगा, और यह सुनिश्चित करेगा कि सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी, जहां कोर्ट द्वारा तय किए गए दिशा-निर्देशों पर चर्चा की जाएगी।
Exit mobile version