उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विश्वास जताया है कि भारत अगले दो वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर अपने भाषण में विश्वास व्यक्त किया कि यदि हम जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखें, तो हथकरघा का सही उपयोग बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा। यह समय की आवश्यकता है और देश और पृथ्वी की जरूरत भी है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि भारत की प्रगति को किसी भी हाल में रोकना संभव नहीं है और देश अगले दो वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
उपराष्ट्रपति ने 10वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर अपने भाषण में विश्वास व्यक्त किया कि जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखते हुए हथकरघा का सही तरीके से उपयोग बढ़ावा देने के लिए किया जाएगा, जो समय की आवश्यकता और देश एवं पृथ्वी की जरूरत है।
धनखड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल संदेश के पीछे आर्थिक स्वतंत्रता का सिद्धांत है, और हथकरघा उत्पाद इस सिद्धांत के महत्वपूर्ण हिस्सों में से एक हैं।
आर्थिक राष्ट्रवाद की सशक्त समर्थन करते हुए धनखड़ ने कहा कि यह देश की आधारभूत आर्थिक वृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे विदेशी मुद्रा की बचत, रोजगार सृजन, और उद्यमिता को बढ़ावा देने जैसे तीन प्रमुख लाभ होंगे।
उपराष्ट्रपति ने कहा, मैं चाहता हूं कि हर व्यक्ति राष्ट्रीय हित का सम्मान करे। क्या हम सिर्फ राजकोषीय लाभ के लिए आर्थिक राष्ट्रवाद को छोड़ सकते हैं  ?
धनखड़ ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है और आज कोई भी यह नहीं कह सकता कि हम संभावनाओं से भरा राष्ट्र नहीं हैं, क्योंकि हम प्रगति कर रहे हैं।
उन्होंने बताया, ‘… हम वर्तमान में दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। हम अगले दो वर्षों या उससे भी कम समय में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।
उन्होंने देशवासियों से आग्रह किया कि वे साड़ी, कुर्ते, शॉल और अन्य हथकरघा उत्पादों को खरीदने की आदत अपनाएं, ताकि ये एक फैशन स्टेटमेंट और एक ब्रांड बन सकें, और उनकी बिक्री बढ़ सके।
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