हज कोटे में कटौती पर विवाद: तीर्थयात्रियों की चिंता, सरकार का जवाब व सऊदी अरब की स्थिति

भारत में हज कोटे को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है। 2025 के हज सत्र के लिए सऊदी अरब की ओर से प्राइवेट हज कोटे में कथित कटौती की खबरों ने मुस्लिम समुदाय में चिंता की लहर पैदा कर दी है। कई मुस्लिम संगठनों और नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से इस मुद्दे में हस्तक्षेप की मांग की है।
क्या है पूरा मामला?
सऊदी हज मंत्रालय द्वारा हज यात्रा की तैयारियों के लिए तय की गई समयसीमा का पालन न करने पर, भारत के कंबाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGOs) को बड़ा झटका लगा है। मंत्रालय का कहना है कि बार-बार रिमाइंडर देने के बावजूद ये ऑपरेटर्स समय पर जरूरी अनुबंध—जैसे कि परिवहन, ठहरने की व्यवस्था, कैंप्स आदि—को अंतिम रूप नहीं दे सके। इस कारण, 52,507 तीर्थयात्रियों के लिए आरक्षित प्राइवेट हज कोटे में से एक बड़े हिस्से के हज स्लॉट रद्द हो गए।
सरकार की सफाई
भारत सरकार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उसकी तरफ से कोई कमी नहीं रही। अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय (MoMA) भारत को मिले कुल 1,75,025 हज कोटे में से 1,22,518 को हज समिति के माध्यम से पहले ही व्यवस्थित कर चुका है। सऊदी अरब की निर्धारित समयसीमा के भीतर उड़ान कार्यक्रम, ठहरने की व्यवस्था, कैंप्स आदि की सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं थीं।
सरकार का दावा है कि सऊदी अरब की नई गाइडलाइंस के तहत 800 से अधिक निजी टूर ऑपरेटर्स को मिलाकर 26 मान्यता प्राप्त संस्थाएं बनाई गईं, जिन्हें कंबाइंड हज ग्रुप ऑपरेटर्स (CHGO) कहा जाता है। इन CHGOs को काफी पहले हज कोटा आवंटित कर दिया गया था ताकि वे समय पर तैयारी कर सकें। लेकिन दुर्भाग्यवश, अधिकतर CHGOs समयसीमा का पालन नहीं कर सके।
सरकार का हस्तक्षेप और सऊदी अरब की प्रतिक्रिया
सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी हज मंत्रालय ने नुसुक (Nusuk) पोर्टल को एक बार फिर से खोलने पर सहमति व्यक्त की है, जिससे 10,000 तीर्थयात्रियों के लिए प्रबंध किए जा सकें। मंत्रालय ने CHGOs को तत्काल आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के निर्देश दे दिए हैं।
सऊदी हज मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस वर्ष किसी भी देश के लिए समयसीमा को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी चिंता जताई कि तीर्थयात्रियों की सुरक्षा, विशेषकर मीना में जहां भीड़ अधिक होती है और तापमान काफी अधिक रहता है, उनकी प्राथमिकता है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस मुद्दे पर विपक्षी नेताओं ने भी चिंता जताई है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “52,000 से अधिक तीर्थयात्रियों के हज स्लॉट रद्द किए जाने की रिपोर्ट बहुत चिंताजनक है। मैं विदेश मंत्री से निवेदन करता हूं कि वे इस मामले में तुरंत सऊदी अधिकारियों से बात करें।” नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने भी प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप की अपील की है।
आगे की राह
हज जैसे संवेदनशील धार्मिक यात्रा के लिए समय पर तैयारी और उचित समन्वय अत्यंत आवश्यक है। सरकार और टूर ऑपरेटर्स दोनों को इस दिशा में और अधिक सजग रहने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानियों से बचा जा सके। भारत सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह तीर्थयात्रियों के हितों की रक्षा के लिए सऊदी अधिकारियों के साथ उच्च स्तर पर लगातार संवाद में है।
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