रॉबर्ट वाड्रा को ईडी का समन :राजनीति में एंट्री से पहले फिर सवालों के घेरे में

कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर हैं। ईडी ने उन्हें हरियाणा के शिकोहपुर में लैंड डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा है। यह समन पीएमएलए (PMLA) के तहत भेजा गया है। इससे पहले 8 अप्रैल को भी उन्हें बुलाया गया था, लेकिन वह पेश नहीं हुए थे। अब उन्हें 15 अप्रैल को हाजिर होने का आदेश मिला, जिसके तहत वाड्रा आज ईडी दफ्तर के लिए अपने घर से पैदल रवाना हुए।
क्या है मामला?
रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर आरोप है कि उसने फरवरी 2008 में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन मात्र 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। कुछ समय बाद यही जमीन DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दी गई। ईडी को इस जमीन सौदे में हुए अप्रत्याशित मुनाफे पर मनी लॉन्ड्रिंग का शक है। इसी कड़ी में वाड्रा से पूछताछ की जा रही है।
रॉबर्ट वाड्रा का पलटवार
ईडी के समन पर प्रतिक्रिया देते हुए वाड्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। मुझे नहीं पता मेरा दोष क्या है। पिछले 20 सालों में मुझ पर कुछ भी साबित नहीं हुआ है। अगर कुछ है तो सामने लाया जाए।”
वाड्रा ने दावा किया कि वह जांच में सहयोग करने को हमेशा तैयार हैं, लेकिन जांच एजेंसियों का राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “जब मैं देश के पक्ष में बोलता हूं तो मुझे दबाने की कोशिश की जाती है, राहुल गांधी को संसद में बोलने से रोका जाता है। यह सब बीजेपी का राजनीतिक प्रतिशोध है।”
राजनीति में कदम रखने की इच्छा
14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के मौके पर वाड्रा ने सार्वजनिक रूप से राजनीति में आने की अपनी इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था, “अगर जनता चाहती है तो मैं पूरी ताकत से राजनीति में उतरने को तैयार हूं।” वाड्रा का मानना है कि जैसे ही वह अपनी राजनीतिक भूमिका को लेकर सक्रिय होते हैं, पुराने मुद्दों को उछालकर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जाती है।
दस्तावेजों की चुनौती
वाड्रा ने कहा, “मुझे अब तक 15 बार बुलाया गया है, हर बार 10 घंटे से ज्यादा पूछताछ हुई है। कुल मिलाकर 23,000 दस्तावेज़ मांगे गए हैं। इन्हें व्यवस्थित करना आसान नहीं है। लेकिन मैं कभी भागा नहीं हूं और हर बार जांच में सहयोग दिया है।”
रॉबर्ट वाड्रा का मामला एक बार फिर राजनीतिक गर्मागर्मी का केंद्र बनता दिख रहा है। जहां ईडी अपनी कार्रवाई को कानूनी प्रक्रिया बता रही है, वहीं वाड्रा इसे राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच एजेंसियों की कार्रवाई का क्या निष्कर्ष निकलता है और क्या वाड्रा सचमुच राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए मैदान में उतरते हैं।
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