हुबली में 5 साल की बच्ची की अपहरण के बाद हत्या, पुलिस से मुठभेड़ में आरोपी ढेर

कर्नाटक के हुबली शहर में रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसने पूरे शहर को हिला कर रख दिया। महज पांच साल की मासूम बच्ची का अपहरण कर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। घटना सामने आने के बाद इलाके में भारी आक्रोश फैल गया और स्थानीय लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
कैसे हुआ वारदात का खुलासा
घटना अशोक नगर थाना क्षेत्र की है। बच्ची की मां एक ब्यूटी पार्लर में सहायक के रूप में काम करती है और घटना वाले दिन वह अपनी बेटी को भी साथ ले गई थी। वहीं से बच्ची का अपहरण कर लिया गया। खोजबीन के दौरान बच्ची का शव पास ही एक अस्थायी घर के बाथरूम में मिला। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया।
सीसीटीवी से मिला सुराग, आरोपी बिहार का रहने वाला
पुलिस ने घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। इन फुटेज से पता चला कि अपराध में शामिल व्यक्ति कौन था। आरोपी की पहचान बिहार के पटना निवासी 35 वर्षीय रितेश कुमार के रूप में हुई, जो हाल ही में हुबली आया था और तारिहाला अंडरपास के पास एक खाली पड़े मकान में रह रहा था।
पूछताछ के बाद मुठभेड़ में मारा गया आरोपी
पुलिस ने आरोपी को पकड़कर तीन से चार घंटे तक पूछताछ की, लेकिन उसने कोई अहम जानकारी नहीं दी। जब पुलिस उसे उसके ठिकाने पर लेकर गई, तभी उसने अचानक वाहन पर पत्थर फेंककर भागने की कोशिश की और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। महिला पुलिस अधिकारी अन्नपूर्णा ने पहले हवा में गोली चलाई, लेकिन जब आरोपी नहीं रुका, तो आत्मरक्षा में पुलिस ने गोली चलाई। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
पुलिस अधिकारी घायल, कई धाराओं में केस दर्ज
इस घटना में पीएसआई अन्नपूर्णा समेत दो अन्य पुलिसकर्मी यशवंत और वीरेश घायल हो गए हैं, हालांकि वे खतरे से बाहर हैं। पुलिस ने आरोपी पर हत्या, अपहरण, पोक्सो एक्ट और पुलिस कर्मियों पर हमले के आरोप में विभिन्न धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस आयुक्त एन शशि कुमार ने बताया कि आरोपी ने कथित रूप से बच्ची के साथ दुर्व्यवहार भी किया था, हालांकि दुष्कर्म की पुष्टि अभी नहीं हुई है।
शहर में भारी आक्रोश, न्याय की मांग
इस अमानवीय घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में लोग अशोक नगर थाने के बाहर इकट्ठा हुए और आरोपी को कड़ी सजा देने की मांग की। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने जहां कुछ राहत दी, वहीं इस घटना ने एक बार फिर बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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