पुलिस अधिकारी बताकर ऑनलाइन ठगी करने वाले गैंग के पांच सदस्य पकड़े, सरगना की तलाश

नई दिल्ली। खुद को पुलिस अधिकारी बताकर रिश्तेदार व परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले साइबर ठग गैंग के पांच सदस्य पुलिस ने पकड़े हैं। यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के भोपाल से की गई है। पुलिस ने इनके कब्जे से ठगी में इस्तेमाल चार मोबाइल फोन, 41 सिम, 18 बैंक खातों के पासबुक और दस्तावेज और दस डेबिट कार्ड जब्त किए हैं। पूरी कार्रवाई रोहिणी जिला साइबर सेल ने की है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान भोपाल मध्य प्रदेश निवासी विश्वजीत गिरी, सुधीर पाल, रवि कुशवाह, कुंजी लाल अहिरवार और माया सिंह के रूप में हुई है। रोहिणी साइबर सेल ने दीपक कुमार गुप्ता ने ठगी की शिकायत की। उन्होंने बताया कि उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को सदर थाने का पुलिस अधिकारी बताया। उसने बताया कि उनका बेटा और उसके तीन दोस्त उनके कब्जे में हैं। उसने बेटे के खिलाफ मामला दर्ज करने और उनकी गिरफ्तारी की धमकी दी। पीड़ित ने अपने बेटे से बात करवाने के लिए कहा। दूसरी तरफ से उसके बेटे जैसे आवाज आई। आरोपी ने उन्हें छोड़ने के एवज में ऑनलाइन 70 हजार रुपये बैंक खाते में डालने के लिए कहा। बेटे के रिहाई के लिए पीड़ित ने आरोपी के दिए बैंक खाते में पैसे डाल दिए। बाद में शिकायतकर्ता को पता चला कि उसके बेटे को किसी ने हिरासत में नहीं लिया था। ठगी का अहसास होने के बाद उन्होंने एनसीआरपी पोर्टल पर इसकी शिकायत की। बाद में रोहिणी साइबर सेल में शिकायत आने पर अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के बयान पर ठगी का मामला दर्ज कर लिया।

ऐसे हुई धरपकड़
निरीक्षक चैतन्य अभिजीत के नेतृत्व में पुलिस टीम ने उन बैंक खातों की जांच की, जिसमें पैसे ट्रांसफर किए गए थे। जांच में पता चला कि पैसा भोपाल के बैंक खाते में डाले गए हैं। तकनीकी जांच पड़ताल से आरोपियों का लोकेशन भोपाल मध्य प्रदेश में पाया गया। इसके बाद साइबर टीम को तुरंत भोपाल भेजा गया, जहां गुप्त सूचना पर पुलिस ने विश्वजीत गिरी को गिरफ्तार किया। पूछताछ करने पर आरोपी ने बताया कि वह पीड़ित के खाते से ठगी गई रकम प्राप्त करने के लिए भोपाल में बैंक खातों की व्यवस्था करता था।

सरगना की तलाश जारी
वह निम्न वर्ग के लोगों को बैंक खाते खोलने के लिए कुछ पैसे के बदले अपने दस्तावेज़ उपलब्ध कराने का लालच देता था। वह बिहार में रहने वाले अपने साथियों के साथ ठगी को अंजाम देता था। गैंग हर दिन धोखाधड़ी के लगभग दो-तीन लाख रुपये को अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर करता था। पुलिस ने विश्वजीत गिरी के निशानदेही पर चार उन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया, जो ठगी करने वालों को अपना बैंक खाता और सिम कार्ड मुहैया करवाते थे। पुलिस गैंग के सरगना को पकड़ने के लिए उनके संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

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