अलीगढ़। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जनपद में दबिश को गई एसओजी टीम के सिपाही की गोली लगने से मौत हो गई। गोली टीम में शामिल दरोगा की पिस्टल से चली। टीम गोकशी करने वालों की धरपकड़ को गई थी। गोली दरोगा के पेट को छूती हुई निकली थी। पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया है। जबकि मृत सिपाही के शव का पोस्टमार्टम कराकर उसे परिवार वालों को सौंपा है।
घटना गभाना थाना क्षेत्र की है। इसमें सिपाही याकूब की मौत हुई है। अलीगढ़ एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि 9 जुलाई को गभाना में गोकशी हुई थी। पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी कि बुधवार रात को फिर से वहीं गोकशी होने वाली है। इसके बाद एक टीम बनाई गई, जिसमें एसओजी और गभाना थाने के जवान थे। जंगल में पहुंचने पर सभी ने अपनी पिस्टल अनलॉक की। मौके पर दरोगा मजहर हसन की पिस्टल फंस गई। दूसरे दरोगा राजीव ने पिस्टल अनलॉक करने के लिए ले ली। वह अनलॉक करने का प्रयास करने लगे। इसी दौरान गोली चल गई। गोली राजीव के पेट को छूते हुए वहां खड़े कॉन्स्टेबल याकूब के सिर पर जा लगी। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया। चेकअप के बाद डॉक्टर ने याकूब को मृत घोषित कर दिया। मृतक जवान के घर वालों को सूचना दे दी गई है। अस्पताल पहुंचकर पूरी स्थिति का जायजा लिया है। जिला अस्पताल में भर्ती घायल दरोगा राजीव ने बताया- रात को हम लोग गोकशी के मामले में दबिश देने गए थे। अपराधी बुलंदशहर का रहने वाला है। दरोगा मजहर हसन की पिस्टल लॉक हो गई। मैं पिस्टल ठीक कर रहा था, तभी गोली चल गई। यह गोली मेरे पेट में लग गई। इसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता।
भाई भी पुलिस में तैनात
मृतक सिपाही याकूब के पिता वली मोहम्मद यूपी पुलिस के रिटायर्ड सिपाही हैं। उन्होंने कहा- हमें कुछ नहीं समझ आ रहा है। बस इतना बताया गया कि बंदूक फंस गई थी। उसे ही ठीक करते समय ऐसा हुआ है। मेरे बेटे के माथे पर गोली लगी है। ऐसे कैसे हो सकता है? मैं कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं हूं। याकूब का घर मैनपुरी के कुरावली में है। मौत की सूचना के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पोस्टमॉर्टम के बाद याकूब का शव मैनपुरी पहुंचा। याकूब का भाई जुबैर खां भी यूपी पुलिस में है।