वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी के बहुचर्चित अवधेश राय हत्याकांड में आज वाराणसी कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने बांदा जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को लगभग 3 दशक बाद अवधेश राय हत्याकांड में दोषी करार दिया गया है। कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
वाराणसी के एमपी-एमएलए कोर्ट ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी करार दे दिया है। माफिया मुख्तार अभी बांदा जेल में बंद है। उसको सोमवार को वर्चुअली पेश किया गया। केस के अन्य आरोपी फिजिकली पेश हुए।
1991 में हुई हत्या
वाराणसी के लहुराबीर में 3 अगस्त 1991 को कांग्रेस के पूर्व MLA अजय राय के भाई अवधेश की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमला उस वक्त हुआ था, जब अजय राय और अवधेश राय घर के बाहर खड़े थे। अचानक कार से आए हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इसमें अवधेश राय की मौत हो गई थी। भाई अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी, भीम सिंह, कमलेश सिंह, राकेश के साथ पूर्व MLA अब्दुल कलाम के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।
सीबीसीआईडी ने की थी जांच
साल 1991 में हुए इस हत्याकांड की जांच सीबीसीआईडी ने की और चार्जशीट दाखिल कर दी। दाखिल की गई चार्जशीट के आधार पर ट्रायल शुरू हुआ लेकिन मामला विधायक मुख्तार अंसारी से जुड़ा था लिहाजा केस को प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया। साल 2020 में सरकार ने हर जिले में एमपी एमएलए कोर्ट का गठन किया तब केस वापस वाराणसी एमपी एमएलए कोर्ट भेजा दिया गया
वो केस जिनमें मुख्तार को सजा हुई
जेलर को धमकाने में 7 साल का कारावास
लखनऊ में मुख्तार के खिलाफ 7 केस दर्ज हैं। जेलर एसके अवस्थी को धमकाने में आलमबाग थाने में दर्ज केस में मुख्तार को 22 सितंबर, 2022 को 7 साल की सजा हुई।
23 साल पुराने केस में 5 साल की सजा
मुख्तार अंसारी को 23 साल पुराने गैंगस्टर एक्ट के मामले में 23 सितंबर, 2022 को दूसरी सजा सुनाई गई। मुख्तार के खिलाफ 1999 में हजरतगंज थाने में गैंगस्टर एक्ट में मामला दर्ज कराया गया था।
मुख्तार को तीसरी सजा 10 साल की
15 दिसंबर, 2022 को मुख्तार को कांग्रेस नेता अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय मर्डर और एडिशनल SP पर हमले समेत कुल 5 मामलों में 10 साल की सजा हुई।
गाजीपुर में 2 गैंगस्टर केस में सजा
गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 29 अप्रैल, 2023 को मुख्तार अंसारी को दो गैंगस्टर केस में सजा सुनाई। इसमें पहला केस 1996 में दर्ज हुआ था। जिसमें मुख्तार और उसके सह आरोपी भीम सिंह को 10-10 साल का कारावास और पांच लाख जुर्माना लगाया था। दूसरी बार 2007 के गैंगस्टर केस में मुख्तार के साथ सांसद भाई अफजाल अंसारी सह आरोपी थे। इसमें मुख्तार को फिर 10 साल की सजा और 5 लाख जुर्माना लगाया गया। जबकि अफजाल अंसारी को जज ने 4 साल ही सजा सुनाई।