जिस नाबालिग के नाम पर ब्रजभूषण पर लगी पॉक्सो, उसी के चाचा बोले- मेरी भतीजी बालिग और जिन्दा है, पहलवान कर रहे हैं इस्तेमाल

रोहतक। कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और पहलवानों के बीच चल रहे विवाद में सोमवार को एक नया मोड़ आ गया है। एक ओर जहां ओलंपियन पहलवान यौन शोषण एवं पॉक्सो के गंभीर आरोपों में बृजभूषण की गिरफ्तार पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर एक नाबालिग के चाचा ने उलट कहानी बताई है। जिस नाबालिग के मामले में पोक्सो की धारा लगी है, उसी लड़की के चाचा ने कहा है कि लड़की नाबालिग नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया है कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया तथा कुछ पहलवान पीड़िता लड़की के कंधे पर पिस्तौल रखकर यह सारी साजिश रच रहे है।

रोहतक के शीला बाईपास स्थिति एक होटल में सोमवार शाम प्रेसवार्ता में कथित नाबालिग पहलवान के चाचा ने आरोप लगाया कि उत्पीड़न का आरोप लगाकर दिल्ली में प्रदर्शन करने वाले कुछ खिलाड़ी बड़ी साजिश कर रहे हैं। वे जातिवाद बढ़ाने के साथ भावुक होकर और आंसू दिखाकर खापों तक को गुमराह कर रहे हैं। महिलाओं के लिए कानून और पॉक्सो एक्ट का गलत प्रयोग कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेरी भतीजी की उम्र 20 साल है और पोक्सो एक्ट बनता ही नहीं है। कहीं ना कहीं मेरे भाई और उस भतीजी को बहका कर यह सारा मामला रचा गया है। उनका कहना है कि बृजभूषण को कल की बजाय चाहे आज फांसी हो जाए और वह निर्णय अदालत को लेना है। अगर मेरी भतीजी के साथ बृजभूषण में ऐसा किया होता तो वह खुद ही उनकी गर्दन पकड़ लेते। उन्होंने कुछ दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि उनकी भतीजी का जन्म 2004 में हुआ है और उन्होंने ही भतीजी को पहलवानी के गुर सिखाए थे और वे खुद भी एक राष्ट्रीय स्तर पर पहलवान रहे हैं। उन्होंने कहा कि विनेश फोगाट साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया की इस साजिश से लोग आपस में भिड़ने को तैयार बैठे हैं जो कि गलत है।

भाई को नौकरी का दिया झांसा
उसके भाई ने करीब 4 महीने पहले इसका जिक्र किया था। जिसमें महाबीर अखाड़े के संचालक ने उसके भाई को नौकरी के नाम पर विक्टिम बनाकर फंसाया। उसके भाई ने बताया था कि उसकी नौकरी की व्यवस्था हो जाएगी। जिस पर उसने कहा कि नौकरी मेडल लाने पर मिलेगी, इस तरह नहीं। उसके बाद इस बात का कोई जिक्र नहीं हुआ।

जीवित लड़की का मृतक सर्टिफिकेट बनवा दिया
पहलवान लड़की के चाचा ने कहा कि भतीजी को इस मामले में घसीटे जाने की जानकारी परिवार को दस दिन पहले उस समय मिली जब दिल्ली पुलिस छानबीन करने रोहतक आई थी। यहां पुलिस टीम से परिवार की हुई बातचीत में सारा मामला सामने आया। पुलिस ने भतीजी के मरने का प्रमाण पत्र दिखाते हुए उसके बारे में पूछा, जबकि भतीजी सही सलामत है। यह प्रमाण पत्र पंजाब से बना बताया गया।

इससे साबित होता है कि पंजाब के कुछ पहलवान इस साजिश में शामिल हैं। यह बहुत बड़ा षडयंत्र है। इसमें और कौन शामिल है, पुलिस जांच में सामने आ जाएगा। उन्हें मामला राजनीति से प्रेरित लग रहा है। उन्होंने यह भी माना कि भाई व उनका झगड़ा चल रहा है। लेकिन छोटी मोटी बातें घर परिवार में हो जाती है। इसलिए वे न्याय की मांग करते हैं।

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