23 साल पुराने हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा बरी

लखनऊ। प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बड़ी राहत मिली है। ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने बरकरार रखा है। अजय मिश्रा टेनी को प्रभात गुप्ता हत्याकांड में बरी कर दिया गया है।

हाईकोर्ट डबल बेंच में जस्टिस यार मसूदी और ओपी शुक्ला की बेंच ने यह फैसला सुनाया। 23 साल की सुनवाई में 3 बार हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस हत्याकांड में फैसला सुरक्षित रखा, लेकिन फैसला नहीं आ पाया। शुक्रवार 19 मई को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस एआर मसूदी और ओपी शुक्ला की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के फैसले के बाद प्रभात गुप्‍ता के भाई काफी नाखुश हैं। उन्‍होंने मीडिया से बात करते हुए कहा है क‍ि वह इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे।

क्या था मामला
मामला लखीमपुर खीरी के छात्र नेता प्रभात गुप्ता की हत्याकांड से जुड़ा है। बीते 21 फरवरी को न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति ओमप्रकाश शुक्ल की खंडपीठ ने अपील पर फैसला सुरक्षित रखा था। 23 साल पहले 8 जुलाई साल 2000 को दिनदहाड़े बीच सड़क पर सपा से जुड़े प्रभात गुप्ता को लखीमपुर के तिकुनिया थाना क्षेत्रांतर्गत स्थित बनवीरपुर गांव में घेरकर उनपर गोलियां चलाई गई थीं।

मर्डर केस में मृतक के पिता संतोष गुप्ता ने अजय मिश्रा टेनी के साथ शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को हत्या में नामजद आरोपी बनाया था। आरोप था कि प्रभात गुप्ता को दिनदहाड़े बीच रास्ते में पहली गोली अजय मिश्रा ने उसकी कनपटी पर मारी और दूसरी गोली सुभाष मामा ने प्रभात के सीने में मारी थी, जिसके बाद प्रभात गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई।

इस मामले में सुनवाई करते हुए लखीमपुर खीरी की अदालत ने 2004 में तकरीबन सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। इन आरोपियों में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी, सुभाष मामा, शशि भूषण, राकेश डालू शामिल थे। लखीमपुर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ 2004 में ही राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में अपील दाखिल की थी। आरोपी अजय मिश्र टेनी सहित अन्य तीन आरोपियों को बरी करने के खिलाफ ये अपील दाखिल की गई थी।

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