ज्ञानवापी मस्जिद मामला: सुप्रीम कोर्ट ने ‘शिवलिंग’ का वैज्ञानिक सर्वेक्षण टाला, अगली सुनवाई तक रोक

वाराणसी। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में मिली शिवलिंग जैसी आकृति की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी में शिवलिंगनुमा आकृति की कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। इसके बाद ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने सुप्रीम कोर्ट में इस आदेश को चुनौती दी थी।

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में हिंदू याचिकाकर्ताओं के वकील विष्णु जैन ने तर्क दिया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि संरचना को कोई नुकसान न हो। वहीं, CJI ने कहा कि हम एएसआई से रिपोर्ट बुलाने के खिलाफ नहीं हैं, सरकार को विचार करने दें कि विकल्प और मुद्दे क्या हैं. उन्होंने कहा कि, इन मामलों में व्यक्ति को सावधानी से चलना होता है।

मस्जिद परिसर में वजू के इलाके पर विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में वजू का इलाका विवाद का केंद्र रहा है। हिंदू पक्षकारों का कहना है कि वहां शिवलिंग मिला है। दरअसल हिंदू पक्षकारों ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में पूजा की इजाजत मांगी थी। मस्जिद परिसर के दीवार से सटी मां श्रृंगार गौरी की पूजा की इजाजत मांगी गई थी। इसके लिए वाराणसी कोर्ट में अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि यह हिंदू मंदिर था और हिंदू देवी देवताओं का स्थल है।

वाराणसी की स्थानीय कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान सर्वे कमिशन बनाया था। इसकी रिपोर्ट 19 मई 2022 को आई। सर्वे रिपोर्ट से पहले कोर्ट की ओर से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट को बताया था कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिला है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर हिंदू पक्षकारों ने भी दावा किया कि परिसर में शिवलिंग मिला है।

वहीं मुस्लिम पक्षकारों का कहना था कि वह फव्वारा है। इसी बीच मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर सर्वे को चुनौती दी थी। तब सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई 2022 को ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कहा था कि जहां शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है, उस जगह को सुरक्षित रखा जाए और डीएम इस जगह की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इसके साथ ही कहा कि मस्जिद में नमाज के लिए मुस्लिम समुदाय के लोग जाएंगे और उन्हें कोई नहीं रोकेगा। सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। वाराणसी कोर्ट ने सितंबर 2022 में ज्ञानवापी परिसर में हिंदू महिलाओं की पूजा की अर्जी को चुनौती देने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमिटी की अर्जी खारिज कर दी थी।

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